Loading election data...

परिवार जिसने तीन हज़ार लोगों की जान बचाई

बीबीसी मैगज़ीन मॉनिटर पिछले अगस्त में बीबीसी मैग्ज़ीन में एक ऐसे दंपत्ति के बारे में ख़बर प्रकाशित हुई थी जिसने समंदर में डूबने के ख़तरे से जूझ रहे प्रवासियों को बचाने के लिए दसियों लाख यूरो खर्च कर दिए थे. इस दंपत्ति का 60 दिनों का मिशन अब समाप्त हो चुका है. इस बारे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2014 12:08 PM
परिवार जिसने तीन हज़ार लोगों की जान बचाई 4

पिछले अगस्त में बीबीसी मैग्ज़ीन में एक ऐसे दंपत्ति के बारे में ख़बर प्रकाशित हुई थी जिसने समंदर में डूबने के ख़तरे से जूझ रहे प्रवासियों को बचाने के लिए दसियों लाख यूरो खर्च कर दिए थे.

इस दंपत्ति का 60 दिनों का मिशन अब समाप्त हो चुका है.

इस बारे में पूछे जाने पर क्रिस्टोफ़र कैट्राम्बोन्स कहते हैं, "हमने क़रीब तीन हज़ार ऐसे लोगों को बचाने में मदद की, जिनके डूब जाने का ख़तरा था." क्रिस्टोफ़र ने अपनी पत्नी रेगिना और बेटी मारिया लुईज़ा के साथ मिलकर माइग्रेंट ऑफ़शोर एड स्टेशन (एमओएएस) की स्थापना की.

वो कहते हैं,"हर नाव में ठुंसे हुए प्रवासियों की भारी संख्या को देखकर मुझे गहरा धक्का लगा. कुछ प्रवासियों को निचले डेक में डाल दिया गया था जहां उनके डूबने और घुटन का अधिक ख़तरा था. जबतक आप इसे क़रीब से नहीं देखते तबतक इस भयावह यात्रा का आपको अंदाज़ा नहीं होता."

मदद

उन्होंने बताया, "एक बुज़ुर्ग फ़लस्तीनी ने अपनी यात्रा के लिए 15,000 डॉलर इकट्ठा करने के लिए अपना सारा सामान बेच दिया था. एक बुज़ुर्ग सीरियाई दंपत्ति को अपने अंतिम दिनों में अपने प्यारे अलेप्पो को छोड़ना पड़ा था."

भूमध्य सागर में नाव डूबी, 27 की मौत

परिवार जिसने तीन हज़ार लोगों की जान बचाई 5

हर साल भूमध्य सागर से होकर बहुत से प्रवासी यूरोप की ओर पलायन करते हैं.

क्रिस्टोफ़र ने कहा, "उन हालात को बयां करना बेहद मुश्किल है जिसमें उन्हें अपने परिवार को इस ख़तरनाक़ यात्रा में डालना पड़ा. एक तरह से ये भाग्यशाली थे. ये वो लोग थे जिनके पास इस यात्रा के लिए पैसे जुटाने के साधन थे. इनमें अधिकांश पेशेवर थे, जैसे- अध्यापक, इंजीनियर, वकील."

एमओएएस ने कुछ प्रवासियों को इतालवी नेवी और मालवाहक जहाजों के सुपुर्द करने में मदद की. बाकियों को उन्होंने अपने पोत फ़ोनिक्स पर आश्रय दिया और इटली ले गए.

पलायन

रेगिना प्रवासी बच्चों से बहुत हिल मिल गई थीं. वो बताती हैं, "हमें दान में कुछ खिलौने मिले थे….जब ये खिलौने बच्चों को दिए गए तो उनके चेहरे पर मुस्कान तैर गई."

यूरोप में प्रवेश के लिए जानवरों की तरह रहना मंज़ूर

वो कहती हैं, "इन बच्चों को वाकई कुछ नहीं पता था कि इस यात्रा में क्या घटित हो रहा है. पलायन के ग़म में डूबे वयस्क लोगों के बीच एक तीन वर्ष की बच्ची को खिलखिलाते और नाचते देखना बहुत द्रवित कर देने वाला था."

भूमध्य सागर को पार करने वाले प्रवासियों की संख्या इस वर्ष रिकॉरडतोड़ रही. अक्टूबर की शुरुआत तक एक लाख 65 हज़ार प्रवासियों ने पलायन किया.

मिशन जारी

परिवार जिसने तीन हज़ार लोगों की जान बचाई 6

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक़, जुलाई से सितम्बर के बीच कम से कम 2,200 लोगों की मृत्यु हो गई.

इटली आओगे तो भूखे रहना पड़ेगा

माल्टा में रहने वाले कैट्राम्बोन्स ने इस मिशन को चलाने के लिए अपने पास से 20 लाख यूरो (क़रीब 15 करोड़ रुपए) ख़र्च किए. अगले साल इस मिशन को चलाने के लिए अब वो पैसा इकट्ठा करने में जुटे हुए हैं.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version