तोक्यो : इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल आजकल जापानी राजनेताओं के लिए सिर दर्द का सबब बनता जा रहा है. ट्विटर पर की गयी कोई टिप्पणी हो या फिर यू-ट्यूब पर प्रसारित कोई वीडियो, राजनेताओं की कुर्सी जाने में इस सोशल टूल का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है.
बता दें कि जापान में हाउस ऑफ पार्लियामेंट के लिए 21 जुलाई को चुनाव हो रहे हैं. इसके मद्देनजर राजनेता चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं.
ट्वीट पर गयी कुरसी ताजा मामले में, फुकुशिमा न्यूक्लियर हादसे के पीडि़तों के मदद के लिए बनी संस्था के एक अधिकारी को दो हफ्ते पहले उस वक्त बरखास्त कर दिया गया, जब उनके ट्विटर पर सोशल एक्टिविस्ट्स के बारे में अपमानजक टिप्पणी को लेकर ऑनलाइन बहस छिड़ गयी. खास बात यह है कि उन्होंने यह कमेंट मार्च महीने में किया था, लेकिन सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों ने इसे खोज निकाला और इसे बहस का मुद्दा बना दिया, जिसके बाद इस अधिकारी को बरखास्त करना पड़ा.