मैडम के सपने भी चकनाचूर
चुनाव लड़ने को आतुर एक महिला पंचायत जनप्रतिनिधि को लोगों ने ऐसा सब्जबाग दिखाया कि मैडम के साथ-साथ, उनका पूरा परिवार दिन में ही सुहाने सपने देखने लगा. लोहरदगा से सटे एक सीट पर टिकट दिलाने के नाम पर लोगों ने उन्हें खूब घुमाया. कहा गया कि प्रदेश से तो मामला पूरा तय है, सिर्फ […]
चुनाव लड़ने को आतुर एक महिला पंचायत जनप्रतिनिधि को लोगों ने ऐसा सब्जबाग दिखाया कि मैडम के साथ-साथ, उनका पूरा परिवार दिन में ही सुहाने सपने देखने लगा. लोहरदगा से सटे एक सीट पर टिकट दिलाने के नाम पर लोगों ने उन्हें खूब घुमाया. कहा गया कि प्रदेश से तो मामला पूरा तय है, सिर्फ एक बार आप दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर लें.
आर्थिक तंगी तो थी ही, पर मैडम के हौसले को उड़ान उनके पति देव ही दे रहे थे. पेशे से सरकारी सेवक साहब ने कहा कि बेगम तुम पैसे की चिंता मत करो. उन्होंने तत्काल पीएफ से लोन ले लिया. इसके बाद टिकट दिलानेवालों के साथ मैडम वायु मार्ग से दिल्ली चली गयीं. दिल्ली से लौट कर मैडम लोहरदगा पहुंची, तो फूल वाली पार्टी की जम कर तारीफ की. कहा कि इस पार्टी का संस्कार गजब का है. सभी लोग दोनों हाथ जोड़ कर बहन जी कह कर ही संबोधित करते हैं.
मैं बेकार इतने दिनों तक दूसरी पार्टी में भटकती रही. पर, जब टिकट की घोषणा हुई, तो मैडम का नाम उसमें से गायब था. हवाई जहाज में साथ रहे सह यात्रियों ने मैडम को समझाना शुरू किया- केला खाकर फूल सूंघने वाले किसी को भी यह अवसर नहीं मिला, जो आपको मिल गया. केंद्रीय नेतृत्व से आपकी पहचान हो गयी. अभी-अभी दिल्ली से फोन आया था कि मैडम को धैर्य रखने को कहें. अब मैडम व लोन लेकर कजर्दार बने पति दोनों भजन कर रहे हैं.