13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बाहर पढ़ रहे छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं

25 से 30 हजार छात्र झारखंड से दूसरे राज्यों में पढ़ने जाते हैं रांची : झारखंड से बाहर तकनीकी, मेडिकल और अन्य उच्चतर शिक्षा ग्रहण कर रहे पिछड़े, आदिवासी और अन्य छात्रों को सरकार लगातार तीसरे वर्ष भी छात्रवृत्ति नहीं दे पायी है. सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार छात्रों की संख्या 1.50 लाख से […]

25 से 30 हजार छात्र झारखंड से दूसरे राज्यों में पढ़ने जाते हैं
रांची : झारखंड से बाहर तकनीकी, मेडिकल और अन्य उच्चतर शिक्षा ग्रहण कर रहे पिछड़े, आदिवासी और अन्य छात्रों को सरकार लगातार तीसरे वर्ष भी छात्रवृत्ति नहीं दे पायी है. सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार छात्रों की संख्या 1.50 लाख से अधिक है. छात्रवृत्ति का भुगतान करने का मुद्दा कोई भी राजनीतिक दल चुनाव के समय नहीं करते हैं.
इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्रओं की संख्या भी करीब 62 हजार से अधिक है, जिन्हें 2012-13 से छात्रवृत्ति नहीं मिली है. अब उनके अभिभावक भी सरकार के ढुलमुल रवैये से परेशान हैं. सरकार को बकाया भुगतान के लिए दो सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी चाहिए. चालू वित्तीय वर्ष में कल्याण विभाग ने बकाया भुगतान के लिए 200 करोड़ से अधिक की मांग पूरक बजट में भी की, पर वित्त विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी. कल्याण विभाग की ही मानें, तो 25 से 30 हजार छात्र झारखंड से दूसरे राज्यों आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओड़िशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और अन्य राज्यों में उच्चतर शिक्षा के लिए जाते हैं.
झारखंड के विभिन्न संस्थानोंमें पढ़नेवाले छात्र भी वंचित
झारखंड के भी विभिन्न संस्थानों में पढ़नेवाले छात्र भी इससे वंचित हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे एक लाख से अधिक लाभुकों को स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिल पा रही है. औसतन 30 हजार झारखंडी छात्र राज्य के बाहर उच्चतर शिक्षा पा रहे हैं. बकाया 2012-13 से चल रहा है. जानकारी के अनुसार 2012-13 में जहां 59,990 लाभार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी, वहीं इसमें 2013-14 में और 68003 स्टूडेंट्स की बढ़ोतरी हुई है. चालू वित्तीय वर्ष में बकाया स्कॉलरशिप का आंकड़ा सरकार कलेक्ट कर रही है. राज्य के विभिन्न संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को शिक्षण शुल्क और रख-रखाव भत्ता देने के लिए सरकार को 99.96 करोड़ की आवश्यकता है. इसी तरह राज्य के बाहर पढ़ रहे झारखंडी छात्रों को स्कॉलरशिप की राशि देने के लिए 95.07 करोड़ की जरूरत है.
केंद्र से भी नहीं मिल रही है स्कॅालरशिप की राशि
कल्याण विभाग की ओर से लगातार बकाये का भुगतान करने के लिए केंद्र के आदिवासी मामलों के मंत्रलय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रलय से राशि की मांग की जा रही है. सिर्फ अन्य पिछड़ा जाति के स्टूडेंट्स को बकाये का भुगतान करने के लिए 210 करोड़ की मांग की जाती रही है. केंद्र से इसके विरुद्ध सिर्फ 41 करोड़ ही मिले हैं. इसी तरह अनुसूचित जनजाति के बकाये भुगतान को लेकर 110 करोड़ और अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के बकाये को लेकर एक अरब की मांग की जाती रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें