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लातेहार के सरयू में जुटे छत्तीसगढ़ के नक्सली

सुरजीत सिंह, रांची लातेहार के सरयू इलाके में छत्तीसगढ़ से आये 100 उग्रवादियों का दस्ता जुटा हुआ है. इस इलाके में झारखंड के नक्सली पहले से जमे हुए थे. पुलिस की तमाम कोशिश के बाद भी नक्सली हटे नहीं थे. छत्तीसगढ़ के नक्सलियों के आने के बाद उस इलाके में नक्सलियों की गतिविधि बढ़ गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 6:50 AM
सुरजीत सिंह, रांची
लातेहार के सरयू इलाके में छत्तीसगढ़ से आये 100 उग्रवादियों का दस्ता जुटा हुआ है. इस इलाके में झारखंड के नक्सली पहले से जमे हुए थे. पुलिस की तमाम कोशिश के बाद भी नक्सली हटे नहीं थे. छत्तीसगढ़ के नक्सलियों के आने के बाद उस इलाके में नक्सलियों की गतिविधि बढ़ गयी है. नक्सली बूढ़ा पहाड़ा के निकट के पहाड़ियों पर डेरा जमाये हुए है. पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है.
खुफिया एजेंसी ने लातेहार पुलिस को अलर्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों का दस्ता एक ही इलाके में जुटे हुए हैं, ताकि अगर अभियान के दौरान पुलिस बड़ी संख्या में भी आये, तो उसका मुकाबला किया जा सके. खुफिया विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ से आये नक्सलियों का दस्ता महुआटांड़ थाना क्षेत्र में भी घूम रहा है. ग्रामीणों के बीच वोट बहिष्कार की बात भी नक्सली कह रहे हैं. साथ ही इलाके में कई जगहों पर नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार के पोस्टर भी चिपकाये गये हैं. इसके अलावा गारु और गोतांग इलाके में नक्सलियों के दस्ते को देखे जाने की खबर है. उल्लेखनीय है कि लातेहार पुलिस ने हाल के दिनों में नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाकों में बड़ी संख्या में प्रेशर कूकर और भारी मात्र में विस्फोटक की बरामदगी की है.
सिर्फ एक प्रत्याशी को प्रचार की इजाजत
खबर है कि चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र में टीपीसी के उग्रवादियों ने 12 अक्तूबर को एक सार्वजनिक बैठक की, जिसमें ग्रामीणों को धमकी दी गयी है. टीपीसी के उग्रवादियों ने ग्रामीणों से कहा है कि वह एक खास दल के पक्ष में मतदान करेंगे. उग्रवादियों ने दूसरे प्रत्याशियों को ग्रामीण इलाकों में प्रचार करने से भी मना किया है. उग्रवादियों के द्वारा सिर्फ एक प्रत्याशी को प्रचार करने के इजाजत दी गयी है. उग्रवादियों की धमकी के बाद उस इलाके में खुले दूसरे दलों का चुनाव कार्यालय बंद हो गया है. अधिकांश लोगों ने अपने घरों पर लगे विभिन्न पार्टियों के झंडे हटा दिये हैं.
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