हर सीट पर जबरदस्त किलाबंदी
देवघर : विधानसभा चुनाव 2014 के लिए संताल परगना की 18 सीटों पर झामुमो की पैनी निगाह है, हालांकि संताल परगना झामुमो का गढ़ रहा है. यहां से पार्टी के 10 विधायक हैं. हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए संताल में ठोस रणनीति अपनायी है. यही कारण है कि पार्टी छोड़ […]
देवघर : विधानसभा चुनाव 2014 के लिए संताल परगना की 18 सीटों पर झामुमो की पैनी निगाह है, हालांकि संताल परगना झामुमो का गढ़ रहा है. यहां से पार्टी के 10 विधायक हैं. हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए संताल में ठोस रणनीति अपनायी है. यही कारण है कि पार्टी छोड़ कर गये स्टीफन मरांडी वापस झामुमो में शामिल हो गये हैं. पार्टी ने उन्हें महेशपुर से उम्मीदवार बनाया है. उनके साथ डॉ अनिल मुमरू भी झामुमो की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
गोड्डा के कांग्रेस नेता राजेश मंडल को भी पार्टी में लाने में झामुमो सफल रहा. इसके अलावा कई और नेता हैं, जो पार्टी में शामिल होकर चुनावी रणनीति में सहयोग कर रहे हैं. शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, स्टीफन मरांडी, शशांक शेखर भोक्ता, हुसैन अंसारी, लोबिन हेंब्रम, नलिन सोरेन, अकील अख्तर, हरिनारायण राय मिल कर संताल परगना को अभेद्य दुर्ग बनाने की रणनीति बना रहे हैं.
झामुमो ने दिये हैं अधिकतर सीटों पर उम्मीदवार
संताल परगना की 18 में से झामुमो ने 14 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. पार्टी ने लगभग सभी सीटिंग सीट पर पुराने विधायकों को ही टिकट दिया है. पार्टी को अपने पुराने नेताओं पर भरोसा है. झामुमो ने सारठ से शशांक शेखर भोक्ता, मधुपुर से हुसैन अंसारी, दुमका से हेमंत सोरेन, जामा से सीता सोरेन, जामताड़ा से विष्णु प्रसाद भैया, जरमुंडी से हरिनारायण राय, नाला से रवींद्र नाथ महतो, शिकारीपाड़ा से नलिन सोरेन, महेशपुर से स्टीफन मरांडी, लिट्टीपाड़ा से डॉ अनिल मुमरू, पाकुड़ से अकील अख्तर, बोरियो से लोबिन हेंब्रम, राजमहल से एमटी राजा, पोड़ैयाहाट से अशोक चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है.
स्टीफन के आने से झामुमो को होगा फायदा
झामुमो को सींचनेवाले पार्टी के कद्दावर नेता रहे स्टीफन मरांडी कई साल बाद झामुमो में वापस आ गये हैं. उनके आने से संताल परगना में झामुमो को फायदा मिल सकता है. क्योंकि स्टीफन तकरीबन छह बार दुमका से विधायक रहे हैं. संताल परगना पर उनकी जबरदस्त पकड़ है. दुमका सीट से झाविमो ने स्टीफन मरांडी व लिट्टीपाड़ा से अनिल मुमरू को उतारा था. हेमंत सोरेन ने दोनों को अपने पाले में कर दुमका सीट के लिए अपना रास्ता आसान बना लिया. अब वहां उनकी भिड़ंत केवल भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों से ही होगी.