मामला केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा लाल बत्ती गाड़ी के उपयोग का
रांची : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 11 नवंबर को रांची आये थे. उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी थे. भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र जारी करने दोनों नेता पहुंचे थे. विशुद्ध रूप से राजनीतिक कार्यक्रम था. वित्त मंत्री लाल बत्ती लगी कार पर सवार होकर कार्यक्रम स्थल होटल बीएनआर पहुंचे थे. लाल बत्ती गाड़ी से मंत्री के आने के मामले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त पीके जाजोरिया ने रांची उपायुक्त विनय चौबे को पूरे मामले की जांच कर नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला था. उपायुक्त ने आदर्श आचार संहिता कोषांग को मामले की जांच का जिम्मा दिया.
गाड़ी के चालक सुशांत पाल को निलंबित कर दिया गया. चुटिया थाना में चालक के खिलाफ शहर अंचल निरीक्षक प्रेम कुमार मुंडा ने प्राथमिकी भी दर्ज करा दी. श्री मुंडा प्रोटोकॉल अफसर भी थे. मंत्री अरुण जेटली के लाल बत्ती कार से पहुंचने के मामले में जो कुछ हुआ वह पिछले 14 वर्षो में झारखंड में गवर्नेस का हाल बयां करता है. झारखंड के शासन और कामकाज में ऐसे ही एकाउंटबिलिटी तय की जाती है. सिस्टम में सबसे नीचे के ड्राइवर को दोषी करार दे कर सारे मामले में लीपा-पोती कर दी गयी. गंभीर से गंभीर मामले में झारखंड शासन का यही चाल-चरित्र रहा है. केंद्रीय मंत्री को ले जाने वाले ड्राइवर का क्या कसूर था.
गाड़ी पुलिस मुख्यालय से भेजी गयी थी. किसी अफसर ने लाल बत्ती लगी गाड़ी उपलब्ध करायी होगी. प्रोटोकॉल में लगे अधिकारी ने लाल बत्ती कार के उपयोग पर सवाल क्यों नहीं उठाया. जिला प्रशासन की दलील है कि बुलेट प्रूफ गाड़ी पुलिस मुख्यालय उपलब्ध कराता है, तो फिर केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में अधिकारी से लेकर सिपाही तक दर्जनों लोग लगे होंगे, उनकी ओर से लापरवाही हुई या नहीं. क्या उनकी जिम्मेवारी नहीं थी कि केंद्रीय मंत्री तक लाल बत्ती लगी गाड़ी ना पहुंचे. सिस्टम में ओहदेदार और रसूखदार लोगों को बचाने का काम होता रहा है, पूरा प्रकरण उसी की एक बानगी है.
आइआरबी का सिपाही है चालक : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लाल बत्ती लगे वाहन का इस्तेमाल करने को लेकर जिस सुशांत पाल के खिलाफ कार्रवाई की गयी है, वह पुलिस विभाग का चालक है. वह आइआरबी का चालक सिपाही है. पुलिस परिवहन मुख्यालय की तरफ से उसे बुलेट प्रूफ वाहन के साथ भेजा गया था. वह नामकुम थाना के चाय बगान इलाके में किराये के मकान में रहता है.
गाड़ी देनेवाला अफसर भी दोषी : वीएस संपत
भारत कें मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने गुरुवार को रांची में कहा : केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को लाल बत्ती गाड़ी में ले जाने के मामले की जांच करायी जा रही है. इस मामले में एफआइआर दर्ज किया गया है. लाल बत्ती गाड़ी में बैठने के लिए श्री जेटली पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है. केंद्रीय मंत्री के लिए गाड़ी उपलब्ध कराने का जिम्मा राज्य सरकार का है. उनको लाल बत्ती लगी गाड़ी उपलब्ध करानेवाला अधिकारी दोषी है. ड्राइवर ने बत्ती चालू की होगी, तो उसका भी दोष है. फिलहाल, मामले की जांच चल रही है. जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई की जायेगी.