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आओ हालात बदलें : बेहतर झारखंड के लिए दौड़ी रांची

रांची : झारखंड के हालात बदलने के इरादे के साथ प्रभात खबर की ‘आओ हालात बदलें मुहिम’ के तहत राज्य के स्थापना दिवस पर शनिवार 15 नवंबर को दौड़ का आयोजन किया गया. दौड़ का आयोजन सभी 24 जिलों में एक साथ किया गया. रांची में यह दौड़ (सैनिक बाजार प्रांगण, मेन रोड से अलबर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2014 6:34 AM
रांची : झारखंड के हालात बदलने के इरादे के साथ प्रभात खबर की ‘आओ हालात बदलें मुहिम’ के तहत राज्य के स्थापना दिवस पर शनिवार 15 नवंबर को दौड़ का आयोजन किया गया. दौड़ का आयोजन सभी 24 जिलों में एक साथ किया गया. रांची में यह दौड़ (सैनिक बाजार प्रांगण, मेन रोड से अलबर्ट एक्का चौक तक) सुबह करीब आठ बजे से शुरू हुई. आम लोगों ने सैकड़ों की संख्‍या में इस दौड़ में शामिल हुए.फोटो देखने के लिए क्लिक करें
इस अवसर पर प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने कहा कि राज्य के हालात काफी खराब हो चुके हैं. इसलिए अब लोगों को जागने की जरुरत है. राज्य में उद्योग धंधे नहीं लग रहे हैं. अच्छे संस्थान की कमी होने के कारण यहां के बच्चे राज्य के बाहर जाकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा एक मंदिर की तरह है लेकिन 14 वर्षों से जन सरोकार के किसी बात पर भी यहां चर्चा नहीं हुई. यहां कानून बनते हैं लेकिन हमें अब यह सोचने की जरूरत है कि क्या ऐसे लोग हमारे लिए कानून बनायेंगे जिनमें कुछ काबिलियत ही नहीं है. जिनमें ग्राम सभा चलाने की क्षमता नहीं है वे लोग राज्य की राजनीति चला रहे हैं.
जेपीएससी की चर्चा करते हुए हरिवंश ने कहा कि यह भ्रष्‍टाचार का अड्डा बनकर रह गया जिसके कई लोग अभी भी जेल में बंद हैं और कई लोगों पर केस चल रहा है. झारखंड कुशासन का प्रतीक बन कर रह गया है. 14 वर्षों में विधायकों की संपत्त‍ि कई गुणा बढ़ गई है. इस राज्य में 14 वर्षों मे 9 मुख्‍यमंत्री हो चुके हैं जोकि 45 वर्षों में होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि घर में बैठकर हम इससे निजात नहीं पा सकते यदि आप बेहत्तर झारखंड चाहते हैं तो आपको घर से बाहर निकलना होगा और एक बेहत्तर राज्य के लिए मतदान करना होगा. प्रभात खबर इससे पहले भी इस प्रकार के मतदाता जागरुकता अभियान का आयोजन करता र‍हा है.
अपर निर्वाचन अधिकारी के के सोन ने कहा कि 25 दिसंबर से पहले सभी को निर्णय लेने की जरूरत है क्योंकि यदि आप इस बार चुक गए तो फिर आपको मौका 5 वर्षों के बाद मिलेगा. आज घर के 14 – 15 साल के बच्चे घर में मतदान और राज्य के हालात के विषय में चर्चा करते हैं लेकिन उनके पास मतदान का अधिकार नहीं हैं. बड़ों को इन बच्चों से इस संबंध में घर में चर्चा करने की जरूरत है.
इस दौड़ में उपभोक्ता अधिकार संगठन, साइंस विजन पब्लिक स्कूल, महाराज मद्रा मुंडा स्पोर्टिग क्लब, न्यू काली पूजा समिति (डोरंडा), जीवन ज्योति सोसाइटी, आर्ट ऑफ लिविंग, मुंडा सभा (बारिटोला, रातू), झारखंड डिसेबल स्पोर्ट्स एंड वेलफेयर एकेडमी, झारखंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन, झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन, रांची जिला मालवाहक टेंपो संघ, झारखंड यूथ ऑर्गनाइजेशन,रौनियार वैश्य संघ जैसी संस्थाओं ने भी भाग लिया.

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