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पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी खौफजदा
भय से नहीं कर पा रहे हैं चुनाव प्रचार गुमला और बिशुनपुर ने स्थिति सबसे खराब चुनाव बहिष्कार की घोषणा से सहमे हैं लोग रांची : प्रथम चरण में 13 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं. प्रथम चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे, वे सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. कुछ इलाकों में टीपीसी […]
भय से नहीं कर पा रहे हैं चुनाव प्रचार
गुमला और बिशुनपुर ने स्थिति सबसे खराब
चुनाव बहिष्कार की घोषणा से सहमे हैं लोग
रांची : प्रथम चरण में 13 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं. प्रथम चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे, वे सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. कुछ इलाकों में टीपीसी और पीएलएफआइ जैसे उग्रवादी संगठन भी सक्रिय हैं. अब तक मिली सूचना के मुताबिक 13 में से पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों को प्रचार करने में दिक्कत हो रही है. लातेहार, मनिका, गुमला व विश्रमपुर में प्रत्याशी नक्सलियों के भय से प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. सबसे खराब स्थिति गुमला और बिशुनपुर की है. यहां नक्सलियों और पीएलएफआइ दोनों से प्रत्याशियों को भय है.
इन दोनों जिलों में भाकपा माओवादी ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर रखी है. पलामू जिला के पांच में से चार क्षेत्रों में प्रत्याशियों को टीपीसी का डर सता रहा है. सिर्फ डाल्टेनगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी हर गांव में निर्भिक होकर चुनाव प्रचार कर पा रहे हैं.
त्न तैनात किये गये हैं 239 कंपनी फोर्स : प्रथम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण हो, इसके लिए पूरे इलाके में राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गयी है. दोनों मिला कर करीब 239 कंपनी फोर्स की तैनाती की गयी है, जो इलाके में गश्त कर रहे हैं. लेकिन इन सुरक्षा-व्यवस्था के बाद भी प्रत्याशियों में नक्सलियों खौफ है. पिछले चुनावों से ही नक्सलियों-उग्रवादियों के द्वारा चुनाव से कुछ वक्त पहले से किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए ग्रामीणों पर दबाव बनाया जा रहा है.
विधानसभा क्षेत्र, जहां नहीं हो रहा प्रचार
मनिका : कुरपानी, रोल, चोपट, कबरी, कोटाम, सिरसी और नेतरहाट के तराई वाले इलाके.
लातेहार : कुमंडीह इलाकों में प्रत्याशी प्रचार करने तो जा रहे हैं, पर झंडा-बैनर या गाजा-बाजा लेकर नहीं.
बिशुनपुर : कुमारी, गुरदरी, बानालात व जमटी इलाके में प्रचार नहीं.
गुमला : चैनपुर, रायडीह के कोंडरा, कोबजा, रमजा, कटासारु, लौकी, जमगई, उपर खटंगा, उचड़ी आदि गांव में नहीं हो रहा प्रचार.
विश्रमपुर : सुदूर ग्रामीण इलाकों में प्रत्याशी प्रचार करने नहीं जा रहे हैं.
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