लंदन : रफेल नडाल पर दबाव बढ़ गया है कि अगर उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाना है और टेनिस के सबसे प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों में से एक की अपनी प्रतिष्ठा को बचाना है तो वह विंबलडन से दूरी बना लें. स्पेन के इस खिलाड़ी को कल विंबलडन के पहले दौर में सीधे सेटों में दुनिया के 135वें नंबर के खिलाड़ी स्टीव डार्सिस के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा.
दो बार इस ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट को जीतने वाले 27 वर्षीय नडाल पिछले साल भी दूसरे दौर में चेक गणराज्य के 100वें नंबर के खिलाड़ी लुकास रसोल के हाथों शिकस्त के साथ उलटफेर का शिकार हो गए थे. तीन बार के विंबलडन चैम्पियन बोरिस बेकर ने बीबीसी से कहा, ‘‘उसे निश्चित तौर पर विचार करना होगा कि ग्रास कोर्ट पर उसका भविष्य है या नहीं. मैं सोच रहा था कि इस साल उसे नहीं खेलने के बारे में विचार करना चाहिए था.’’
नडाल रिकार्ड आठवां फ्रेंच ओपन खिताब जीतने के बाद विंबलडन में उतरे थे. फरवरी में वापसी के बाद नौ फाइनल में यह नडाल का सातवां खिताब था और इस दौरान उन्होंने 45 में से 43 मैच जीते लेकिन इसमें से आठ टूर्नामेंट उनकी पसंदीदा सतह क्ले कोर्ट पर खेले गए. नडाल अपने घुटने को लेकर अतीत में परेशान रहे हैं.
बेकर ने कहा, ‘‘अन्य सतह की तुलना में ग्रास कोर्ट काफी अलग है. आपकी मूवमेंट अलग होती है और आपके पैर मजबूत होने चाहिए क्योंकि आपको दिशा बदलनी होती है, आप फिसलते हो और आपको स्लाइड करना पड़ता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको घुटनों की समस्या है तो ग्रास कोर्ट सबसे खराब सतह है. हार्ड कोर्ट इतने खराब नहीं होते क्योंकि आप अपने पांव जमाने के बाद गेंद को हिट कर सकते हो. उछाल भी अधिक होता है इसलिए आपको इतना अधिक झुकना भी नहीं पड़ता.’’बेकर ने कहा, ‘‘मुझे नडाल के हार्ड कोर्ट या इंडोर में खेलने को लेकर चिंता नहीं है लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि ग्रास कोर्ट मुद्दा है.’’