आखिर जिंदगी की जंग हार गयी शाहनिया
अनियंत्रित ट्रक कुचल दिया था दाहिना पैर बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना किया था रेफरसोनो . बीते 6 नवंबर को विजैया गांव में एक अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आयी 8 वर्षीय बच्ची शाहनिया खातून 16 दिनों तक जिंदगी के लिए जूझती रही और अंतत: जिंदगी की जंग हार गयी. तिलबरिया गांव के सलीम […]
अनियंत्रित ट्रक कुचल दिया था दाहिना पैर बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना किया था रेफरसोनो . बीते 6 नवंबर को विजैया गांव में एक अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आयी 8 वर्षीय बच्ची शाहनिया खातून 16 दिनों तक जिंदगी के लिए जूझती रही और अंतत: जिंदगी की जंग हार गयी. तिलबरिया गांव के सलीम अंसारी की पुत्री शाहनिया का दाहिना पैर बुरी तरह कुचल गया था और उसका इलाज पीएमसीएच में किया जा रहा था. बाद में घर लाकर उसका इलाज हो रहा था. इस हादसे में शाहनिया का दो वर्षीय भाई की मृत्यु उसी दिन अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी थी. जबकि उसकी मां चनकी खातून भी गंभीर रुप से घायल हो गयी थी. दरअसल हादसे के दिन 6 नवंबर को चनकी अपने मायके विजैया गांव से ससुराल तिलवरिया जाने के लिए अपने बच्चों के साथ घर से निकली थी. उसे कूद दूर तक छोड़ने उसके साथ उसकी मां मुनिया खातून,भाभी रुबिया खातून व घर की बच्चियां भी साथ जा रही थी. तभी सड़क पर एक अनियंत्रित ट्रक की चपेट में सभी लोग आ गये थे. शाहनिया,उसकी मां,नानी,मामी समेत सात लोग घायल हो गये थे. शाहनिया का भाई नासिर उर्फ हसनैन की मौत भी इसी हादसे में हुई थी. इसी घटना में घायल शाहनिया को गंभीर स्थिति में पटना के लिए रेफर किया गया था. चिकित्सकों द्वारा उसे बचाने का काफी प्रयास किया गया. लेकिन 16 दिन के बाद वह इस दुनिया को अलविदा कह गयी.