पानी रोका, तो बने करोड़पति

महाराष्ट्र का एक गांव है हिवरे बाजार. यह अहमदनगर जिले में है. यह गांव एक दशक पहले तक बीरान हो गया था. लोग भाग कर शहरों में मजदूर बन गये थे. खेतों में दरारें पड़ गयीं थी. कई एकड़ जमीन के मालिक भी दिहाड़ी मजदूर बन गये थे. आज यह गांव फिर से आबाद है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

महाराष्ट्र का एक गांव है हिवरे बाजार. यह अहमदनगर जिले में है. यह गांव एक दशक पहले तक बीरान हो गया था. लोग भाग कर शहरों में मजदूर बन गये थे. खेतों में दरारें पड़ गयीं थी. कई एकड़ जमीन के मालिक भी दिहाड़ी मजदूर बन गये थे.

आज यह गांव फिर से आबाद है. 216 परिवार इस गांव में रह रहे हैं. उनमें से 51 करोड़पति हैं. आधे से अधिक परिवारों की वार्षिक कमाई दस लाख से ज्यादा है. यह एक ऐसा गांव हैं, जहां एक भी बीपीएल परिवार नहीं है. यह चमत्कार किसी महात्मा या भगवान का नहीं है. यह चमत्कार उन्हीं किसानों और ग्रामीणों ने किया है, जो पानी के अभाव में हताश हो गये थे. जिनकी खेती चौपट हो गयी थी और जो बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे थे. उन्होंने वर्षा के पानी को गांव में-खेतों में नहीं रोका था. उन्हें भाग जाने दिया था. वक्त बदला और हालात ने उन्हें गांव से भागने को मजबूर किया. जब उन्होंने भूल सुधारी, तब उनकी दशा भी सुधरी.

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