सुलहनीय वादों का होगा शीघ्रता से निष्पादन

फोटो,नं.- 1 से 1 डी (प्रतिक्रि या देते अधिवक्ता )प्रतिनिधि, जमुई स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में लगभग एक करोड़ 15 लाख की लागत से न्याय सदन/ एडीआर भवन बनने से सुलहनीय वादों का बेहतर तरीके से प्रशिक्षित मध्यस्थ द्वारा निष्पादन किया जा सकेगा. अधिवक्ताओं की मानें तो पूर्व में व्यवहार न्यायालय परिसर में एक कमरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2014 7:02 PM

फोटो,नं.- 1 से 1 डी (प्रतिक्रि या देते अधिवक्ता )प्रतिनिधि, जमुई स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में लगभग एक करोड़ 15 लाख की लागत से न्याय सदन/ एडीआर भवन बनने से सुलहनीय वादों का बेहतर तरीके से प्रशिक्षित मध्यस्थ द्वारा निष्पादन किया जा सकेगा. अधिवक्ताओं की मानें तो पूर्व में व्यवहार न्यायालय परिसर में एक कमरे का मध्यस्थता भवन था. जिसमें एक साथ दो मध्यस्थ पक्षकारों के वादों का निष्पादन बेहतर तरीके से नहीं कर पाते थे और काफी परेशानी होती थी. जिला विधिक संघ के अध्यक्ष निरंजन कुमार सिंह की मानें तो नवनिर्मित न्याय सदन सह एडीआर भवन में सभी मध्यस्थ एक साथ बैठ कर पक्षकारों के सुलहनीय वादों का बेहतर तरीके से निष्पादन कर सकेंगे. अब उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. जिला विधिक संघ के सचिव सकलदेव यादव के अनुसार न्याय सदन में मध्यस्थता शिविर और विशेष लोक अदालत व मेगा लोक अदालत के आयोजन में भी सुविधा होगी. वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार सिंह अपना राय देते हुए कहते हैं कि मध्यस्थता कें द्र में आम तौर पर सुलहनीय वादों का निष्पादन मध्यस्थ द्वारा किया जाता है. नव निर्मित मध्यस्थता कें द्र में पक्षकारों को किसी भी मामले को निष्पादन में सहूलियत होगी . वरिष्ठ अधिवक्ता शिशिर कुमार दूबे के अनुसार अब 6 कमरों व 2 हॉल का दो मंजिला मध्यस्थ केंद्र बन जाने से सभी पक्षकारों के सुलहनीय वाद को मध्यस्थ द्वारा समय पर बेहतर तरीके से निबटाया जा सकेगा. अब पक्षकार व मध्यस्थ को पर्याप्त जगह के कारण परेशानी का सामना करना नहीं होगा.

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