झाझा स्टेशन पर पेयजल की सुविधा नहीं

फोटो,नं.-10 (स्टेशन परिसर में बेकार पड़ा नल)प्रतिनिधि, झाझाहावड़ा-दिल्ली मेन लाइन पर स्थित झाझा रेलवे स्टेशन कभी दानापुर रेल मंडल का सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाला एवं सर्वाधिक राजस्व देने वाला स्टेशन की गिनती में आता था. कालांतर में स्टेशन का कायाकल्प हुआ. लेकिन उक्त स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ भी नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2014 7:02 PM

फोटो,नं.-10 (स्टेशन परिसर में बेकार पड़ा नल)प्रतिनिधि, झाझाहावड़ा-दिल्ली मेन लाइन पर स्थित झाझा रेलवे स्टेशन कभी दानापुर रेल मंडल का सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाला एवं सर्वाधिक राजस्व देने वाला स्टेशन की गिनती में आता था. कालांतर में स्टेशन का कायाकल्प हुआ. लेकिन उक्त स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ भी नहीं किया गया. यात्रा के दौरान रेल यात्रियों के लिए सबसे अहम वस्तु पेयजल होता है. इस स्टेशन होकर लंबी दूरी की कई रेलगाडि़यां गुजरती है. लेकिन प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगा पेयजल का नल हमेशा मुंह चिढ़ाता रहता है. कई नल बंद रहता है, तो कई नलों में लकड़ी ठूंस कर बंद कर दिया गया है. यह स्थिति झाझा प्लेटफॉर्म पर लगे पेयजल के नलों में देखा जा सकता है. रेल यात्री शम्शुद्दीन, इबरार अंसारी, सहदेव राम, जियाउल हक आदि बताते हैं कि ट्रेन रुकने पर जब रेलयात्री नल के पास पानी के लिए जाते हैं, तो उन्हें निराशा हाथ लगती है और बिना पानी लिये उन्हें लौटना पड़ता है. मजबूरन यात्रियों को खरीद कर पानी पीना पड़ता है. रेलवे द्वारा जारी किया गया रेल नीर तो कहीं मिलता ही नहीं है, जिसके चलते अवैध वेंडरों से बिना आइएसआइ मार्का वाला पानी का बोतल खरीद कर अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं प्लेटफॉर्म परिसर पर बिकने वाला बोतलबंद पानी ब्रांडेड नहीं रहता है. कई बार तो पानी क ी तलाश में यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती है. जान हथेली पर रख कर दौड़ कर गाड़ी पकड़ते हैं. इस बाबत स्टेशन प्रबंधक एस सोरेन ने बताया कि नल में हमेशा पानी रहता है. खराब नलों को ठीक करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को कहा गया है और जल्द ही खराब नलों को ठीक करवा दिया जायेगा.

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