जबरन अधिग्रहण पर होगा आंदोलन

* आवासीय विद्यालय के लिए भूमि चिह्न्ति* 56 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर विद्यालय भवण निर्माण की योजना* बिजोना वास कोठी में सीआरपीएसएफ का अस्थायी कैंप करने की योजना* भू-स्वामियों को कोठी खाली करने का निर्देशसिमुलतला : सिमुलतला आवासीय विद्यालय भवण निमार्ण के लिए चिह्न्ति भूमि व कोठी के भू-स्वामी भूमि देने के पक्ष में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:54 PM

* आवासीय विद्यालय के लिए भूमि चिह्न्ति
* 56 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर विद्यालय भवण निर्माण की योजना
* बिजोना वास कोठी में सीआरपीएसएफ का अस्थायी कैंप करने की योजना
* भू-स्वामियों को कोठी खाली करने का निर्देश
सिमुलतला : सिमुलतला आवासीय विद्यालय भवण निमार्ण के लिए चिह्न्ति भूमि व कोठी के भू-स्वामी भूमि देने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन प्रशासन ने उसे बल प्रयोग कर अधिग्रहण करना चाह रही है. इससे आक्रोशित सिमुलतला क्षेत्र के लोग में आंदोलित हो रहे हैं, गुस्सा भड़कने की संभावना है.

बताते चलें कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना से पूर्व ही यहां के किसानों ने कनौदी गांव के निकट 52 एकड़ भूमि राज्यपाल के नाम से दान में दे दिया है. वर्तमान में जिस स्थान पर विद्यालय चल रहा है उस भूमि व कोठी को तत्काल संचालन के लिए किराये पर लिया गया था लेकिन अब विद्यालय परिवार व जिला प्रशासन द्वारा इसी स्थान पर 56 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर विद्यालय भवण निर्माण की योजना बनायी गयी है.

इसी अधिग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाले बिजोना वास नामक एक कोठी में सीआरपीएसएफ का अस्थायी कैंप करने की भी योजना है. प्रशासन ने धमकी भरे लब्जों में भू-स्वामियों को कोठी खाली करने का निर्देश दिया है.

इस संदर्भ में भू-स्वामी रंजीत यादव, केदार यादव, लाला यादव व कुछ अन्य ने बताया कि गत् 28 जून को सिमुलतला आवासीय विद्यालय में बैठक में जिलाधिकारी ने हमलोगों को कहा कि दस दिनों के भीतर कोठी खाली कर दो नहीं तो हमे डंडे से खाली कराना भी आता है. जिला प्रशासन जितना आसान समझ रही है उतना है नहीं.

हमलोगों के जगह को कब्जा करने के लिए उन्हे हमारे लाशो से गुजरना पड़ेगा. इधर इस मामले को लेकर व्यापर मंडल अध्यक्ष श्री कान्त यादव ने पत्रकारों से कहा कि यह अच्छी बात है कि सिमुलतला में विद्यालय बने यहां बीएमपी-11 का प्रशिक्षण केन्द्र बने लेकिन इसके लिए किसी को बेघर करना ठीक नहीं है.

भूमि अधिग्रहण के लिए प्रशासन यहां के किसानों व जनप्रतिनीधियों से सालीनता से बात करे अगर ताकत दिखाने की धमकी दी तो फिर जन आंदोलन का सामना करने को तैयार रहे.

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