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सेहत को बनायें पहली प्राथमिकता

दक्षा वैदकर हमारे ऑफिस में एक बुजुर्ग साथी भी काम करते हैं. ज्ञान और एनर्जी से भरपूर. इस उम्र में भी वे बहुत फिट हैं. इसकी वजह वे बताते हैं सही टाइम पर उठना, टहलना, सोना, भोजन करना. कोई कुछ भी कहे, कितनी ही प्रार्थना करे. उन्हें कहे कि ‘सॉरी सर, आज लेट हो गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2014 7:52 AM

दक्षा वैदकर

हमारे ऑफिस में एक बुजुर्ग साथी भी काम करते हैं. ज्ञान और एनर्जी से भरपूर. इस उम्र में भी वे बहुत फिट हैं. इसकी वजह वे बताते हैं सही टाइम पर उठना, टहलना, सोना, भोजन करना. कोई कुछ भी कहे, कितनी ही प्रार्थना करे. उन्हें कहे कि ‘सॉरी सर, आज लेट हो गया. प्लीज मेरा काम पहले करवा दीजिये’, वे अपने खाने के समय में कोई भी बदलाव नहीं करते. वे सामनेवाले को डांटते हुए कहते हैं, तुम अपना काम समय पर नहीं करते हो, इसका मतलब यह नहीं है कि हम भी अपने काम समय पर न करें.

सभी उन्हें स्नेह से बाबा कहते हैं. एक दिन इस विषय पर बात निकली, तो उन्होंने कहा ‘हर व्यक्ति इंतजार कर सकता है, हर काम बाद में हो सकता है, लेकिन सेहत किसी का इंतजार नहीं करती. अगर हम अपनी सेहत व खान-पान पर ध्यान नहीं देंगे, तो फिर काम करने के काबिल ही नहीं बचेंगे. आज अगर मैं खाने-पीने के वक्त का ख्याल न रखूं और इसकी वजह से बार-बार बीमार पड़ने लगूं, तो क्या कंपनी मुङो रखेगी? नहीं. कोई भी कंपनी किसी स्वस्थ व्यक्ति को ही रखना चाहेगी. वे ऐसे इंसान को क्यों रखेगी, जो बार-बार बीमार होता है, छुट्टियां मांगता है. बेहतर है कि हम सभी अपनी सेहत का ध्यान रखें.

बाबा की बात मुङो बहुत पसंद आयी. कितनी सच बात है. हम अक्सर काम के दबाव में अपनी सेहत को बहुत हल्के में लेते हैं. कभी मूड करता है तो रात-रात भर जाग कर फिल्में देखते हैं. कभी दोपहर 12 बजे तक सोते रहते हैं. कभी भूख लगने में सड़क किनारे चाट-पकौड़ी खा लेते हैं और कभी पिज्जा-बर्गर ठूस लेते हैं. कभी पेट दर्द हो तो अपनी ही मर्जी से कोई भी दवाई खा लेते हैं और कभी मूड न हो, तो भूखे पेट सो जाते हैं. कई बार हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं. जबकि आज सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यही है. हम सब को समझना होगा कि सेहत है, तो हम काम करने योग्य हैं. हंसने-खेलने योग्य हैं. अगर सेहत नहीं, तो सब चीजें बेकार. हमें चाहिए कि हम अपने काम, खेल-कूद, मौज-मस्ती के साथ ही सेहत को भी गंभीरता से लें.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

बात पते की..

दिन के सारे काम तय समय के अनुसार ही करें. टाइम-टेबल बना कर चलें. आधा घंटा कम-से-कम व्यायाम के लिए जरूर निकालें.

जब भी शरीर में किसी प्रकार की तकलीफ हो, खुद से इलाज करने की कोशिश न करें. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. शरीर को आराम दें.

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