विधानसभा चुनाव में कैश का जलवा चल रहा है. चुनाव महंगे हुए हैं. विधानसभा की कई ऐसी सीटें हैं, जहां कैश वार में पुराने और दिग्गज नेताओं के पसीने छूट रहे हैं. राजनीति में पैसे का पावर लेकर ऐसे नये खिलाड़ी पहुंचे हैं, जिन्होंने चुनाव का रंग बदरंग कर दिया है. जमाने के धाकड़ नेता भी नये खिलाड़ियों के सामने पस्त हो रहे हैं. एक बूथ पर बोली लग रही है. बूथ मैनेज करने के नाम पर पैसे लिये जा रहे हैं. पलामू में एक सीट पर पैसों का जलवा ऐसा चला कि सारे समीकरण बिगड़ गये. पलामू में इस सीट पर एक पार्टी के पुराने नेता पिछले चुनाव में भी हारे थे.
इस चुनाव में एक नये खिलाड़ी ने सारा कुछ उलट-पलट कर दिया. नये खिलाड़ी आयातित थे, लेकिन वह कई वर्षो से क्षेत्र में जमीन बनाने में लगे थे. चुनाव के दौरान सीने स्टार और डांसरों ने रंग जमाया. प्रत्याशी ने बूथ मैनेज करने के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये.कोल्हान और संताल के कई सीटों पर भी यह खेल चल रहा है. पार्टियों के नेताओं ने खजाना खोल रखा है. कोल्हान की तीन से चार सीटों पर पैसों के प्रभाव में परंपरागत ताना-बाना बिखर रहा है. संताल परगना में भी चुनाव बेपटरी हुई है. हाइ प्रोफाइल सीट के साथ-साथ यहां नये चुनावी सुरमा मैदान में हैं.
प्राइवेट बोरिंग मशीन और डंपर लेकर घूमे
चुनाव में उतरने वाले एक प्रत्याशी तो प्राइवेट बोरिंग मशीन और डंपर लेकर क्षेत्र में पिछले कई माह से घूम रहे थे. लोगों ने पानी की मांग रखी, तो बोरिंग हो गयी. ऐसे कई इलाके में बोरिंग की गयी. इसके साथ ही कई इलाके में अपने खर्च से सड़क भी बनवा दी. चुनाव के समय प्रत्याशी ने सब कुछ लोगों को याद दिलाया.
पैसे लेनेवाले का पूरा प्रोफाइल जमा कराया
बूथ के नाम पर खर्च मांगनेवालों की विधानसभा क्षेत्र में जमात है. इलाके में प्रभावशाली लोगों से बूथ मैनेज कराने का खेल चल रहा है. पलामू की एक सीट पर बूथ पर मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए संख्या को आधार मान कर पैसे दिये गये. बूथ मैनेज का ठेका लेने वालों का भी पूरा पता-ठिकाना प्रत्याशी के लोग नोट कर रहे थे. एक-एक वोट का हिसाब था. मतगणना के बाद सब का बही-खाता निकाल कर हिसाब होगा. कहां किसने क्या दावा किया और परिणाम क्या आया, इसका लेखा-जोखा होगा. पैसे के बल पर जिम्मा लेने वालों का पूरा प्रोफाइल प्रत्याशी के पास है. सूचना है कि इसके लिए कई लोगों के वोटर कार्ड या कोई दूसरे पहचान पत्र की फोटो कॉपी के साथ-साथ तसवीर भी रखी गयी.
सामने वाले का भी खर्च हो गया दोगुना
थैलीशाहों के सामने चुनाव में डटे रहना महंगा पड़ा. कई सीटों पर पुराने खिलाड़ियों को भी दोगुना खर्च करना पड़ा. कैश से बदले हवा का रूख भांप दूसरे प्रत्याशियों ने भी देर से ही सही खजाने खोले. हर तरफ पैसे की मांग देख कर मैनेज करने में जुटना पड़ा. टारगेट से ज्यादा खर्च करने पड़े.