बुलेट पर बैलेट भारी, 16.5 बढ़ा मतदान

तमाड़ की जनता ने इस बार पूरे उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया. नक्सल प्रभावित इस इलाके में अब तक लोग वोटिंग को लेकर डरे-सहमे रहते थे, लेकिन इस बार बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा. बुंडू से लेकर तमाड़ के आखिरी मतदान केंद्र तक बूथों पर लोगों की कतार देखी गयी. मतदान करने आये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2014 2:54 AM

तमाड़ की जनता ने इस बार पूरे उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया. नक्सल प्रभावित इस इलाके में अब तक लोग वोटिंग को लेकर डरे-सहमे रहते थे, लेकिन इस बार बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा. बुंडू से लेकर तमाड़ के आखिरी मतदान केंद्र तक बूथों पर लोगों की कतार देखी गयी. मतदान करने आये अधिकतर लोग पानी, बिजली व शिक्षा की कमियां गिना रहे थे. बुंडू चौक व बाजार में चुनावी रौनक देखी गयी. दिन चढ़ते-चढ़ते यहां मतदान का प्रतिशत भी बढ़ने लगा था.

तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में भारी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू से निर्वाची पदाधिकरी संदीप सिंह ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण रहा. उन्होंने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में 70.54 प्रतिशत वोट डाले गये. सुमानडीह व ताऊ के मतदान केंद्रों में इवीएम खराब होने के कारण डेढ़ घंटे के बाद मतदान शुरू हुआ.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुआ काफी मतदान
तमाड़. विस क्षेत्र में तमाड़ के सभी 147 बूथों पर मंगलवार को शांतिपूर्ण मतदान हुआ. नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार की घोषणा करने के बावजूद मतदाताओं ने जम कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जानकारी के अनुसार प्रखंड में मतदान सुबह सात बजे से तीन बजे तक जारी रहा. यहां पर 68 प्रतिशत मतदान हुआ. निर्धारित समय से पहले ही बूथों पर लंबी लाइन लग गयी थी.बूथ नंबर 180 तमाड़ हरिजन मवि पूर्वी भाग व सुदूर बधई स्थित मवि के बूथ नंबर 157 में इवीएम की खराबी के कारण एक घंटे देर से मतदान शुरू हुआ. चुनाव में महिलाओं की भागीदारी अधिक दिखी.
लोगों ने बदलाव के मूड से किया मतदान
तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के बुंडू और तमाड़ के मतदाता बदलाव का मूड बना कर मतदान करने के लिए अपने घरों से बाहर निकले. मतदान केंद्र पर वोट करने पहुंचे लोगों की लंबी कतार थी. क्या सोच कर वोट करने आये हैं? इस सवाल पर बुंडू थाना क्षेत्र के महापातर डेरा गांव निवासी रामजीवन उरांव कहते हैं : हमें बदलाव चाहिए. हमारे गांव में बिजली है. लेकिन सरकार ने नहीं दी. पोल से लेकर तार व ट्रांसफामर तक की खरीद हम ग्रामीणों ने चंदा करके किया, तब जाकर बिजली आयी. बुंडू की तरह ही तमाड़ पंचायत की पांच बूथों पर आये मतदाताओं ने भी बदलाव के ही संकेत दिये. प्रकाश महतो ने कहा कि उसने बदलाव के लिए वोट डाला है. इस बार परिवर्तन जरूर होगा. प्रकाश महतो के मुताबिक कई गांवों में बिजली नहीं है. जहां है भी वहां रहती नहीं है. हमें इसका हल चाहिए. जिस पर उम्मीद है, उसी को वोट किया है.
नक्सली नहीं, पर डर है
बुंडू व इसके आस-पास के इलाकों में नक्सली तो नहीं है, लेकिन उनका डर अब भी है. नरेश महतो बुंडू बाजार के नजदीक स्थित रमेश सिंह मुंडा प्लस-टू उच्च विद्यालय स्थित बूथ पर वोट डालने आये थे. यह वही स्कूल है, जहां नौ जुलाई 2008 को नक्सलियों ने तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी. इस घटना में दो पुलिसकर्मी और एक छात्र की भी मौत हो गयी थी. ग्रामीण बताते हैं कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद हुई पुलिस की कार्रवाई की वजह से नक्सली इस इलाके में नहीं दिखे. सुबह 10.00 बजे इस बूथ पर 23 प्रतिशत मतदान हो चुका था. किसी भी बूथ पर किसी भी पार्टी का पोलिंग एजेंट
नहीं दिखा.

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