चीन ने कर दिया हमला, तो गंगा पार कैसे जायेगी सेना

हाइकोर्ट की नसीहत. जब नेताओं को पैदला जाना पड़ेगा, तब पता चलेगा गांधी सेतु ध्वस्त होने का दर्द पटना : पटना हाइकोर्ट ने महात्मा गांधी सेतु की जजर्र स्थिति पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है. कोर्ट ने कहा, जिस दिन नेताओं को पैदल पुल को पार करना होगा, उस दिन उसके ध्वस्त होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 7:17 AM
हाइकोर्ट की नसीहत. जब नेताओं को पैदला जाना पड़ेगा, तब पता चलेगा गांधी सेतु ध्वस्त होने का दर्द
पटना : पटना हाइकोर्ट ने महात्मा गांधी सेतु की जजर्र स्थिति पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है. कोर्ट ने कहा, जिस दिन नेताओं को पैदल पुल को पार करना होगा, उस दिन उसके ध्वस्त होने का मतलब समझ में आ जायेगा. पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने कहा कि आम लोग तो नदी के रास्ते भी गंगा नदी को पार कर जायेंगे, लेकिन जरा सोचिए, यदि चीन ने भारत पर हमला कर दिया, तो सेना किस रास्ते गंगा पार करेगी.
गांधी सेतु की मरम्मत की न तो सरकार को चिंता है और न ही राजनेताओं को. कोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि पुल को केंद्र सरकार बनाये या राज्य सरकार, पब्लिक को पुल और सड़क से मतलब है. लेकिन, इस पर सरकार और राजनेता खामोश हैं. दरअसल याचिकाकर्ता ने मोकामा के राजेंद्र पुल की मरम्मत में हो रही देरी का मामला उठाया था.
इसी क्रम में कोर्ट ने महात्मा गांधी सेतु की भी चर्चा की. कोर्ट ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु की जजर्र स्थिति को लेकर आये दिन समाचार पत्रों में खबर छप रही है. यह किसी भी दिन ध्वस्त हो सकता है, जिससे कई लोगों की जान जा सकती है. खंडपीठ ने पूर्व मध्य रेल के वकील से पूछा कि मोकामा रेल पुल की मरम्मत का काम छह माह पहले ही आरंभ होना था. यह हुआ या नहीं? इस पर पूर्व मध्य रेल के वकील ने कहा कि अभी कार्य आरंभ नहीं हुआ, लेकिन इसकी मंजूरी मिल गयी है. कोर्ट की टिप्पणी थी, आरंभ क्यों नहीं हुआ. अब तक निर्माण कार्य पूरा भी हो जाना चाहिए था. खंडपीठ ने कहा कि अब पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक को कोर्ट में आकर जवाब देना होगा. आठ दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने रेलवे के वकील से कहा कि आप जल्द काम आरंभ करवाइए और इसे पूरा कराइए.

Next Article

Exit mobile version