जलती सिगरेट से भाजपा समर्थक के सीने पर लिख दिया टीएमसी

हुगली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा में शामिल होना पार्टी के एक समर्थक को महंगा पड़ गया है. आरोप है कि तृणमूल समर्थकों ने उसके सीने पर जलती सिगरेट से टीएमसी लिख दिया. घटना मोगरा थाना अंतर्गत त्रिवेणी के शिवपुर इलाके की है. पीड़ित भाजपा समर्थक का नाम विष्णु चौधरी है. घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2014 2:39 AM

हुगली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा में शामिल होना पार्टी के एक समर्थक को महंगा पड़ गया है. आरोप है कि तृणमूल समर्थकों ने उसके सीने पर जलती सिगरेट से टीएमसी लिख दिया. घटना मोगरा थाना अंतर्गत त्रिवेणी के शिवपुर इलाके की है. पीड़ित भाजपा समर्थक का नाम विष्णु चौधरी है. घटना की शिकायत थाने में दर्ज करायी गयी है लेकिन अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर को अमित शाह की सभा में शामिल होने के लिए विष्णु कोलकाता गया था. सभा में विष्णु का शामिल होना, स्थानीय तृणमूल समर्थकों को बरदाश्त नहीं हुआ. बीती रात उसे घर के बाहर बुलाया गया. कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों ने उसे तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में नारेबाजी करने को कहा. उसने इनकार कर दिया. गुस्से में आकर तृणमूल समर्थकों ने जलती सिगरेट से उसके सीने को जलाया व टीएमसी लिख दिया.

विष्णु चौधरी का कहना है कि रैली में जाने के तीन बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उसे घर से उठा लिया और एक स्थानीय क्लब में ले गये. वहां उसकी पिटाई की गयी और उस पर टीएमसी में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया. चौधरी का कहना है कि जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उसे सिगरेट से जलाया गया. उसकी छाती पर टीएमसी के पचरें को सिगरेट से दागा गया.

भाजपा-तृणमूल में चल रहा है तनाव: पश्चिम बंगाल के विपक्षी राजनीतिक दल और सिविल सोसायटी इस मामले की निंदा कर रहे हैं. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी कार्यकर्ता के इन आरोपों को खारिज किया है. गौरतलब है कि इन दिनों पश्चिम बंगाल में भाजपा और सत्ताधारी टीएमसी आमने-सामने हैं. पिछले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट के मामले भी सामने आ चुके हैं. पिछले दिनों जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के पास रैली करने की इजाजत मांगी तो पुलिस ने सुरक्षा कारणों को हवाला देते हुए इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अमित शाह की रैली को आयोजित करने की इजाजत दी गयी.

क्या कहना है पीड़ित का

पीड़ित विष्णु चौधरी का कहना है कि वह बेहद डरा हुआ है, इसलिए उसने अपनी शिकायत डाक के माध्यम से पुलिस को भेजी है. साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार से भी इस बाबत शिकायत की है.

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