अब फाइबरग्लास करेंगे हावड़ा ब्रिज के खंभों की रक्षा
कोलकाता : गुटखे की पीक थूकने के कारण ऐतिहासिक हावड़ा पुल के खंभों के तलों को हुए गंभीर नुकसान के मद्देनजर उन्हें फाइबरग्लास से ढंक दिया गया हैं. प्रतिदिन 1.2 लाख वाहन और पांच लाख पैदल यात्री 70 साल पुराने इस पुल का इस्तेमाल करते हैं. पुल के खंभों के निचले हिस्सों को सार्वजनिक पीकदान […]
कोलकाता : गुटखे की पीक थूकने के कारण ऐतिहासिक हावड़ा पुल के खंभों के तलों को हुए गंभीर नुकसान के मद्देनजर उन्हें फाइबरग्लास से ढंक दिया गया हैं.
प्रतिदिन 1.2 लाख वाहन और पांच लाख पैदल यात्री 70 साल पुराने इस पुल का इस्तेमाल करते हैं. पुल के खंभों के निचले हिस्सों को सार्वजनिक पीकदान की तरह इस्तेमाल किए जाने के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है.
पुल का रखरखाव करने वाले कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के मुख्य अभियंता ए के मेहता ने यहां कहा, पहले ही पुल के खंभों को काफी नुकसान हो चुका है. हमारे अध्ययन से पता चलता है कि पीक थूकने के कारण हैंगरों की रक्षा करने वाले स्टील हुड की मोटाई पिछले चार वर्षों में अपने मूल आकार से 50 प्रतिशत कम हो गयी है.
आधे चबाए गए पान के पत्ते, सुपारी और चूने में ऐसे तत्व मिले होते हैं जो इस्पात का क्षरण करते हैं. मेहता ने कहा, गुटखे से सना थूक एक हानिकारक संयोजन बनाता है. इससे हैंगर कमजोर हो रहे हैं.