जाते-जाते ऐसी गलती कभी न करें
दक्षा वैदकर कोई भी इनसान एक ही कंपनी में जिंदगीभर काम नहीं करता. हर इनसान को कभी न कभी अपनी जॉब छोड़नी पड़ती है. फिर चाहे उसे निकाला जाये या वह खुद इस्तीफा दे. एक कंपनी को छोड़ना और दूसरी को ज्वॉइन करना चलता रहता है. इसके कई कारण हैं, लेकिन ज्यादातर दो कारण होते […]
दक्षा वैदकर
कोई भी इनसान एक ही कंपनी में जिंदगीभर काम नहीं करता. हर इनसान को कभी न कभी अपनी जॉब छोड़नी पड़ती है. फिर चाहे उसे निकाला जाये या वह खुद इस्तीफा दे. एक कंपनी को छोड़ना और दूसरी को ज्वॉइन करना चलता रहता है. इसके कई कारण हैं, लेकिन ज्यादातर दो कारण होते हैं.
पहला कारण, दूसरी कंपनी द्वारा अच्छी सैलरी, बड़ा पद देना और दूसरा कारण, पहली कंपनी में किसी खास व्यक्ति से परेशान होना. जॉब छोड़ने की वजह जब पहला वाला कारण होता है, तो इसमें सोचने-समझने की बात ही नहीं है. जॉब छोड़ते वक्त हम एचआर के एग्जिट इंटरव्यू में कह देते हैं कि नयी कंपनी बेहतर सैलेरी दे रही है. ऐसे में रिश्ते खराब भी नहीं होते, क्योंकि कंपनी भी मानती है और जानती है कि कोई भी व्यक्ति अच्छी सैलेरी चाहता है.
उसे जहां बेहतर भविष्य व रुपये दिखेंगे, वह जायेगा ही. कंपनी खुशी-खुशी आपको रुखसत करती है. लेकिन जब जॉब छोड़ने की वजह दूसरी वाली होती है, तो इसमें हमें खुद पर काबू रखना बेहद जरूरी है.कई कर्मचारी इसमें गलती कर बैठते हैं. उन्हें लगता है कि अब मुङो नयी जॉब मिल गयी है, तो भला मैं अब किसी से क्यों डरूं.
अब मैं जाते-जाते उन लोगों की शिकायत करूंगा, जिनकी वजह से मुङो बहुत परेशानी हुई. मैं कंपनी को उनके लूप होल्स के बारे में बताऊंगा. मैं बताऊंगा कि किस तरह कर्मचारी खराब स्थिति में काम कर रहे हैं. मैं फलां व्यक्ति के नाम खत लिख कर जाऊंगा, ताकि सब को पता चले कि मैं उसकी दादागिरी से त्रस्त हो कर जा रहा हूं. कंपनी मुझ जैसा अच्छा कर्मचारी इस आदमी की वजह से खो रही है.
कर्मचारी जाते-जाते ये सब बातें या तो एचआर को बोल कर जाते हैं या अपने सहकर्मियों को. कभी-कभी इस्तीफे के बदले लंबा खत लिख कर जाते हैं. हालांकि, वे इस बात पर खुश होते हैं, लेकिन यहीं पर वे गलती कर जाते हैं. उनका इस तरह शिकायत करते हुए जाना उनकी छवि न केवल उस कंपनी में खराब करता है, जहां वे अब तक काम कर रहे थे, बल्कि उस कंपनी में भी खराब करता है, जहां वे अब ज्वॉइन कर रहे हैं. दरअसल, ऐसी बातें तेजी से फैलती हैं और ऐसे में लोग आपको अनप्रोफेशनल समझने लगते हैं.
बात पते की..
– सालों किसी कंपनी में काम करके इस्तीफे के वक्त उस कंपनी की बुराई करते हैं, तो नयी कंपनी वाले भी आप पर भरोसा करने से डरने लगते हैं.
– लोगों को ऐसा लगता है कि आप बुराई कर के अपनी गलती, कमियां छिपा रहे हैं और सारा दोष कंपनी या उस खास व्यक्ति पर थोप रहे हैं.