सिलीगुड़ी: डर के आगे भूत है. यह कहावत सिलीगुड़ी में देखने को मिल रही है. दस वर्षीय एक छात्र राजदीप चौधरी को भूत सता रहा है. साथ ही उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है. भूत घर में ईंटों की बरसात कर रहा है. साथ ही बच्चे के साथ-साथ पूरे परिवार का खाना-पीना, सोना भी मुहाल हो गया है. भूत घर के लैंड फोन से ही छात्र की मां की मोबाइल पर मिस कॉल भी करता है. पूरा परिवार आतंक के साये में जी रहा है.
यह भूत सिलीगुड़ी के कॉलेजपाड़ा के रहने वाले रोमेन चौधरी के दस वर्षीय लड़के राजदीप चौधरी को खासकर सता रहा है. भूत एक कागज के टुकड़े एवं राजदीप के कॉपी पर लिख कर जान से मारने की धमकी दी है. उसके कॉपी के कवर पेज के पीछे बंगला भाषा में लिखा है कि राजदीप के तार तोशोक चापा दिये मेरे दिबो (राजदीप को उसके बिछावन से ही दाबकर मार दिया जायेगा). सिलीगुड़ी ब्यॉज हाईस्कूल के पांचवीं का छात्र राजदीप ने प्रभात खबर को बताया कि उसे सोमवार शाम 4 बजे से ही भूत सता रहा है. उस दिन घर के गैलरी में छत से ईंटों की बरसात कर मुङो मारना चाहा.
बाद में घर में उसे जहां-तहां बड़े-बड़े आकार के चूहे दिखायी देने लगे. लेकिन मां और पिताजी को अब तक ये चूहे दिखायी नहीं दिये. वह जब अकेला होता है तभी भूत उसे ज्यादा सताता है. खाना खाते वक्त अचानक उसके बर्तन में ईंट गिरती है. हॉरलिक्स पीने के दौरान गिलास से हॉरलिक्स का लिक्विड हवा में उड़ने लगता है. जब वह कमरे में अकेला होता है, तभी कपड़े हवा में उड़ते हैं और उसके मुंह पर आकर चापने की कोशिश करता है. रात को सोने के दौरान उसका बिछावन अचानक गोल होकर उसे दबा कर मारने की कोशिश भी करता है. राजदीप ने बताया कि कल शाम करीब 7 बजे हॉल में लगे सिलिंग फेन से अचानक एक कागज का टुकड़ा और उसका पेन नीचे गिरा. कागज के टुकड़े पर लिख कर उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी.
राजदीप की मां सपना चौधरी ने बताया कि हमलोग भूत-प्रेतों पर पहले विश्वास नहीं करते थे, लेकिन जब से खुद के आंखों के सामने घर के अंदर-बाहर जब तब ईंटों की बरसात, खाने के बर्त्तन में अचानक ईंट के टुकड़ों का गिरना, लिख कर जान से मारने की धमकी देना व अन्य हरकतें देखकर अब हमें भी विश्वास होने लगा है. उन्होंने बताया कि घर में इससे पहले कभी चूहे नहीं दिखे. मुङो और मेरे पति को तो अब भी दिखायी नहीं दे रहे हैं. लेकिन मेरे बेटे व 6 वर्षीय भतीजी श्रेया बनर्जी को सोमवार से घर में बड़े-बड़े चूहे दिखायी दे रहे हैं. बेटे को भूत के चंगुल से कैसे छुड़ाये, कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
राजदीप के पिता व सेवानिवृत्त शिक्षक रोमेन चौधरी ने कहा कि मैं भी एक शिक्षक के नाते कभी भी भूत-प्रेतों पर विश्वास नहीं करता था, लेकिन चार दिनों से घर में हो रही एक के बाद एक अनहोनी घटने देख कर अब मुङो भी विश्वास होने लगा है. प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने जब यह खबर की जानकारी विज्ञान मंच को दी, मंच के प्रतिनिधि हरकत में आये और पश्चिम बंग विज्ञान मंच की दाजिर्लिंग जिला इकाई का एक प्रतिनिधि दल रोमेन चौधरी के घर पहुंच कर कई घंटों तक पूरे घटनाक्रम का मुआयना किया एवं उनके बेटे राजदीप की भी सभी हरकतों पर नजर रखा. विज्ञान मंच के दाजिर्लिंग जिला इकाई के सचिव प्रवीण पांडा ने साफ कहा कि यह मनोवैज्ञानिक प्रभाव है.
भूत-प्रेतों वाली बातें व उस तरह की हरकतें किसी के साथ तभी होती है, जब वह उसके बारे में अधिक सोचता है या भूत-प्रेतों पर आधारित किताबें पढ़ने व फिल्में, धारावाहिक देखने में दिलचस्पी रखता है. भूतों से अत्यधिक डर की वजह भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. खबर लिखे जाने तक विज्ञान मंच के राज्य कमेटी के सदस्य गोपाल दे, सह-सचिव शंकर कर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि दल पूरी घटना पर नजर रख रही है.