शहर सुस्त, गांवों में दिखा उत्साह
गिरिडीह : विधान सभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान को लेकर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं में जहां सुस्ती दिखी, वहीं ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं में काफी उत्साह था. शहरी क्षेत्र के बूथों में सुबह नौ बजे तक मतदाताओं की संख्या काफी कम थी. इस दौरान 10 से 12 प्रतिशत तक मतदान हुआ. 11 बजे […]
गिरिडीह : विधान सभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान को लेकर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं में जहां सुस्ती दिखी, वहीं ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं में काफी उत्साह था. शहरी क्षेत्र के बूथों में सुबह नौ बजे तक मतदाताओं की संख्या काफी कम थी. इस दौरान 10 से 12 प्रतिशत तक मतदान हुआ. 11 बजे तक 20 से 25 फीसदी तक मतदान हुआ. शहरी क्षेत्र के नगर पर्षद मतदान केंद्र, उमवि पचंबा मतदान केंद्र सरीखे स्थानों पर मतदाताओं का प्रवाह मंद था. वैसे शहरी क्षेत्र के कुछ बूथों में मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या देखी गयी.
सात बजे से कतार शुरू : इधर ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया. इस क्षेत्र के अकदोनी कला, लोदी, मटरूखा, महतोडीह, खुटवाढ़ाब, पीरटांड़, हरलाडीह आदि इलाकों में वोट देने के लिए सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर मतदाता पहुंचने लगे थे. शहरी क्षेत्र में जहां नौ बजे सुबह तक मतदान केंद्रों में मतदाताओं की संख्या में कमी देखी गयी, वहीं ग्रामीण इलाकों में 7.30 बजे के बाद से ही मतदाताओं की भीड़ उमड़ने लगी थी. यहां पर महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या दिखी. ग्रामीण इलाकों में दो बजे के बाद कई बूथों पर 70 से 75 प्रतिशत तक मतदान हुआ है. शहरी क्षेत्रों में 40 से 45 प्रतिशत तक वोट पड़ने का आकलन किया जा रहा है.
नक्सली आतंक पर उत्साह भारी : नक्सल प्रभावित इलाकों के मतदाता काफी उत्साहित थे. महतोडीह स्थित बूथ नंबर 200, मटरूखा बूथ नंबर 196 व 197 समेत पतरोडीह, बुढ़ियाखाद, नेपाली धौड़ा, डांडीडीह, मंगरोडीह, हरसिंह रायडीह, बरवाडीह, श्रीराम पुर आदि इलाकों में लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं ने उत्साहित होकर अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इधर, संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों पर सुरक्षा का चाक-चौबंद इंतजाम था.
और बढ़ता गया मतदान प्रतिशत : बगोदर. वक्त गुजरने के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ता गया.सुबह के नौ बजे तक जहां मतदान 14 प्रतिशत हुआ, वहीं 11 बजे तक यह 32 प्रतिशत तक जा पहुंचा़ एक बजे मतदान 57 प्रतिशत तक पहुंचा तथा तीन बजे तक कुल 66़3 प्रतिशत मतदान हुआ़ इसकी आधिकारिक पुष्टि निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ केके सिंह ने की़ शांति पूर्ण मतदान संपन्न होने पर श्री सिंह ने बेहतर मतदान प्रतिशत के लिए मतदाताओं को बधाई दी. सामाचार लिखे जाने तक किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है़ चुनाव संपन्न होने पर बगोदर के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह ने मतदाताओं को धन्यवाद दिया़
मौसम ने बदला मतदाताओं का मूड
बोकारो. सुबह 10 बजे सेक्टर 4 जी मोड़ के पान दुकानदार अपनी दुकान बंद कर रहे थे. पूछने पर बताया : चास में मेरा बूथ है. वोट देने जा रहा हूं. सुबह क्यों नहीं चले गये. सवाल : अभी तो दुकान बंद करने के आपको घाटा होगा? जवाब : सुबह इतनी ठंड थी कि घर से निकलने का मन ही नहीं हुआ. एक -एक वोट बहुत जरूरी है. इसलिए अब घाटा हो तो, तो. वोट देने जरूर जाऊंगा. बोकारो विधानसभा 36 में मतदाताओं का यही हाल था. मौसम के बदले मिजाज ने मतदाताओं का मूड बदल दिया. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मतदान का प्रतिशत बढ़ता गया. बोकारो विधानसभा के 490 बूथों पर मतदान सुबह सात बजे से शुरू हुआ. सवा सात बजे से कंट्रोल रूम की घंटी बजने लगी. इवीएम मशीन खराब है.. इवीएम काम नहीं कर रहा है.. वीवी पैट काम नहीं कर रहा है.. शुरुआत में लगभग एक दर्जन से अधिक बूथों पर इवीएम समय पर शुरू नहीं हुआ.
हालांकि, कुछ देर बाद सभी बूथों पर इवीएम मशीन को दुरुस्त कर लिया गया. कंट्रोल रूम में डीसी बोकारो उमाशंकर सिंह सुबह पांच ही पहुंच गये थे. डीसी कंट्रोल रूम में दिन भर जमे रहे. पल-पल की जानकारी लेते रहे. अधिकारियों को निर्देश देते रहे. बोकारो विधानसभा क्षेत्र में शहरी व ग्रामीण इलाका शामिल हैं. शहरी इलाकों के मतदान केंद्रों में वोटर सुस्त दिखे. वहां मतदान का प्रतिशत भी औसत से कम दिखा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतार दिखी. महिलाओं में विशेष उत्साह दिखा. वीवी पैट लोगों के लिए नया था. वोटर यह देख उत्साहित थे कि उनका वोट सही जगह पड़ा है. इलाके में सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था थी.
चौथे चरण में राज्य में सर्वाधिक मतदान
चास/चंदनकियारी. मतदान में चंदनकियारी राज्य भर में अव्वल रहा. सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बावजूद 71.28 प्रतिशत मतदान हुआ. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लाइन लगी रही. ग्रामीण बहुल इस विस क्षेत्र में युवाओं एवं बुजुर्ग मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया. यहां सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ. इधर, बूथ नंबर 58 व 213 पर इवीएम मशीन में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण 45 मिनट तक मतदान बाधित रहा. इस दौरान मतदान कर्मियों को मतदाताओं का आक्रोश भी ङोलना पड़ा. पूरे विधानसभा क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. चंदनकियारी विधानसभा में शाम तीन बजे तक कुल 71.28 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें 71.36 पुरुष मतदाता और 71.28 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
नेत्रहीन 90 वर्षीय वृद्ध ने किया मतदान
विधानसभा क्षेत्र के उरांवडीह निवासी 90 वर्षीय शंभु गोप सूरदास अपनी दोनों आंखों की रोशनी नहीं होने के बावजूद रविवार को अपने गांव से तीन किलोमीटर दूर बोदमा बूथ संख्या 199 तक मतदान करने पहुंचे. दूसरी ओर बूथ संख्या 194 उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंदनकियारी, बूथ संख्या 200, 201, 157, 190, 192, 197, 56, 53, 91, 110 सहित दर्जनों मतदान केंद्रों पर महिलाओं को मतदान के प्रति उत्साहित देखा गया.
मतदान पहली प्राथमिकता
चंदनकियारी में करीबन 22000 अल्पसंख्यक मतदाता हैं. गत चुनावों की तुलना में इस बार अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भी मतदाता काफी उत्साहित देखे गये. कुसुमकियारी, रहीमडीह, करकट्टा, भोजुडीह, अमलाबाद, लखीपुर, अमलाबाद क्षेत्र की महिला मतदाताओं ने लाइन में लग कर सबसे पहले मतदान किया. वहीं नौडीहा क्षेत्र में संवेदनशील बूथों पर मतदान प्रतिशत काफी कम रहा.
अंतिम इच्छा पूरी करने गणोश पहुंचे बूथ
गिरिडीह. गिरिडीह विस क्षेत्र के मटरुखा बूथ सं. 197 पर अन्य मतदाताओं की तरह स्थानीय निवासी 85 वर्षीय गणोश मंडल ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चलने से लाचार श्री मंडल अपने पौत्र सतीश कुमार मंडल के साथ वोट डालने के लिए बूथ पहुंचे थे. लाठी और पारिवारिक सदस्यों के सहारे चलने की विवशता के बीच गणोश मंडल का हौसला देखने लायक था. मतदान को लेकर बुलंद हौसला से लैस गणोश ने कहा कि उन्होंने विकास को लेकर वोट दिया है. यह कह कर उनके आंखों से आंसू निकलने लगे.
इस संबंध में उनका पौत्र सतीश मंडल ने कहा कि उनके दादा की तबियत हमेशा खराब रहती है. दादा ने आज उनसे कहा कि मेरी अंतिम इच्छा मतदान करने की है. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए वह अपने दादा को लेकर मतदान केंद्र पहुंचा है. सतीश ने कहा कि मेरे दादा की आंखों से निकल रहे आंसू खुशी के हैं.
हौसला लेकर आयी जनतंत्र की मुराद
गिरिडीह. गिरिडीह विस क्षेत्र के मटरुखा बूथ सं. 197 पर अन्य मतदाताओं की तरह स्थानीय निवासी 85 वर्षीय गणोश मंडल ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चलने से लाचार श्री मंडल अपने पौत्र सतीश कुमार मंडल के साथ वोट डालने के लिए बूथ पहुंचे थे. लाठी और पारिवारिक सदस्यों के सहारे चलने की विवशता के बीच गणोश मंडल का हौसला देखने लायक था. मतदान को लेकर बुलंद हौसला से लैस गणोश ने कहा कि उन्होंने विकास को लेकर वोट दिया है. यह कह कर उनके आंखों से आंसू निकलने लगे. इस संबंध में उनका पौत्र सतीश मंडल ने कहा कि उनके दादा की तबियत हमेशा खराब रहती है. दादा ने आज उनसे कहा कि मेरी अंतिम इच्छा मतदान करने की है. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए वह अपने दादा को लेकर मतदान केंद्र पहुंचा है. सतीश ने कहा कि मेरे दादा की आंखों से निकल रहे आंसू खुशी के हैं.
वोटरों के सहयोग में जुटे थे जवान
डुमरी. चौथे चरण के विधान सभा चुनाव के दौरान डुमरी में वोटरों को सहयोग करने में पुलिस व पारा मिलिट्री के जवान भी जुटे हुए थे. डुमरी विधान सभा के उग्रवाद प्रभावित इलाके के बूथों में मतदान करने पहुंच रहे वोटरों को कोई परेशानी न हो इसके लिए वोटरों के सवालों का निदान करने की कोशिश पुलिस के जवान करते दिखे. वोटरों को कतार में लगाने में भी जवान सहयोग कर रहे थे. बेवजह भीड़ को हटाने के लिए भी पुलिस के जवान लोगों से अपील करते दिखे. विस क्षेत्र के धावाटांड़, छछंदो के बूथ नंबर 61 पर तो महिलाओं को सम्मान के साथ बूथ पर लाया जा रहा था. छछंदो पंचायत भवन में संचालित इस बूथ पर तैनात जवानों का कहना था कि यह लोकतंत्र का महापर्व है. इस पर्व का आनंद सभी को लेना चाहिए.
देवरी में हल्की नोक-झोंक
देवरी. छिटपुट नोक-झोंक के बीच जमुआ विधानसभा क्षेत्र के देवरी प्रखंड में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. शीतलहर के बाद भी बूथों के पास सुबह सात बजे से ही लोगों की भीड़ दिखने लगी. मतदान के दौरान मतदान केंद्र संख्या 124 उमवि झगरूडीह में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई नोक-झोंक के कारण एक घंटा मतदान बाधित रहा. इधर देवरी प्रखंड के असको पंचायत के खोजारटोल उमवि बूथ संख्या 97, 98 पर भी पांच मिनट तक मतदान बाधित रहा.
वहीं मवि बासडीह बूथ संख्या 139 पर नोक-झोंक हुई. इस संदर्भ में बीडीओ सह सहायक निर्वाची पदाधिकारी रवींद्र चौधरी ने बताया कि बूथ संख्या 124 पर बोगस मतदान को ले पुलिस और ग्रामीण के बीच हल्की नोक-झोंक के बाद एक घंटा सात मिनट तक मतदान बाधित रहा. मतदान केंद्र संख्या 97, 98 एवं 139 पर ग्रामीणों एवं राजनीतिक दल के लोगों के बीच नोक-झोंक हुई, जिससे मतदान पांच मिनट तक बाधित रहा. इधर, शांतिपूर्ण मतदान करवाने के लिए देवरी एवं भेलवाघाटी पुलिस सतर्क दिखी.
आइटीबीपी एवं सीआरपीएफ के जवान भी मुस्तैद थे.
वोट देने में अब तक बाधक नहीं बनी विकलांगता
गांडेय : मुसीबत चाहे जो भी हो लेकिन मताधिकार का प्रयोग जरूरी है. यह न सिर्फ अपने लिए बल्कि देश व समाज के लिए भी आवश्यक है. यह एक पैर से विकलांग दशरथ सोनार व दोनों पैर से विकलांग बिरंची राम का मानना है. दोनों के जज्बे को देख कर कई लोग हैरान भी थे. वोट देने आये दशरथ सोनार(62 वर्ष) ने कहा कि विकलांगता कभी बाधक नहीं बनी. मतदान हमारा अधिकार है और हम देश व समाज के हित में मतदान करते रहे हैं. बीमार रहने के बाद भी वोट देना नहीं छोड़ा. इसी तरह दोनों पैर से विकलांग विरंची राम ट्राई साइकिल से मतदान करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि जब हम रोजी-रोटी के लिए काम कर सकते हैं तो देश के विकास के लिए मतदान क्यों नहीं कर सकते? मैंने मतदान किया ताकि स्थिर सरकार बने और हमारे इलाके के साथ-साथ झारखंड की उन्नति हो.
लहंगिया गांव में किया वोट बहिष्कार
जमुआ. धोथो पंचायत के लहंगिया गांव के ग्रामीणों ने सड़क सहित गांव में व्याप्त समस्याओं के विरोध में वोट का बहिष्कार किया. उप्रावि लहंगिया के बूथ नं 227 में उक्त गांव के 533 मतदाताओं को मतदान करना था. समय पर पोलिंग पार्टी भी पहुंच चुकी थी. बहिष्कार की सूचना पर लगभग 10.30 बजे बीडीओ सह एआरओ तेज कुमार हास्सा भी उक्त बूथ पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को समझाया. साथ ही उच्च पदाधिकारियों से मोबाइल पर उनकी बात भी करायी लेकिन जनसमस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने एक नहीं सुनी. स्थानीय मुखिया मुस्तकीम अंसारी ने बताया कि धुरैता मोड़ से पतैया नदी तक सात किमी सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होना था लेकिन सड़क निर्माण का कार्य कारूडीह तक ही कराया जा रहा है.
पंसस कुद्दूस अंसारी ने बताया कि लहंगिया गांव तीन तरफ से नदियों से घिरा है. चौथे तरफ भी निकासी का रास्ता नहीं रहने से हम टापू में घिरे महसूस करते हैं. ग्रामीण मंजूर अंसारी, उप मुखिया मुश्ताक अंसारी, अजरुन विश्वकर्मा, हबीब अंसारी, शमसुल अंसारी, नबी अंसारी, बशीर अंसारी, थानू यादव, भुपाली मंडल आदि ने गांव से आंगनबाड़ी का स्थानांतरण, सिंचाई की व्यवस्था नहीं, चौपट शिक्षा व्यवस्था आदि कई परेशानियों पर आक्रोश जताया.
ग्रामीणों ने कहा कि जब चुनाव प्रचार में भी प्रत्याशी लहंगिया नहीं पहुंचे तो जीतने के बाद यहां समस्या दूर करने क्या आयेंगे?
इवीएम खराब होने से परेशानी
बगोदर/हजारीबाग रोड: झारखंड विधान सभा चुनाव के चौथे चरण में बगोदर विस क्षेत्र में रविवार को शांति पूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ़ इस दौरान विस क्षेत्र के कुल तीन लाख 87 हजार 357 मतदाताओं में से कुल 66.3 प्रतिशत मतदाताओं ने क्षेत्र के कुल 373 बूथों पर अपने वोट डाले. यहां 14 प्रत्याशियों के भाग्य इवीएम में कैद हुए. जानकारी के अनुसार बगोदर प्रखंड में 62़5 प्रतिशत, सरिया 63 प्रतिशत तथा बिरनी प्रखंड में कुल 67 प्रतिशत मतदान हुआ है़ बगोदर विस क्षेत्र में हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ के 11 बूथों में मतदान शांति पूर्ण कराया गया़ इस कार्य के लिए कुल 2800 बल तैनात थ़े बेको बूथ संख्या 228 में तकनीकी खराबी के कारण इवीएम तत्काल बदल दी गयी़.
खराब मौसम के बावजूद उत्साह : मतदाता सुबह सात बजे से पहले मतदान देने के लिए कतार में लगे नजर आय़े खराब मौसम के बावजूद सुबह सात बजे से दिन के तीन बजे तक मतदान हुआ़ मतदान केंद्र संख्या 238 खेतको में मतदाताओं की कतार तीन बजे के बाद भी कतार में लगी थी.महिलाओं में खासा उत्साह था़ बागोडीह उत्क्रमित उवि में एक आदिवासी बुजुर्ग महिला वोट देने के लिए पहुंची थी. सरिया प्रखंड में तीन मॉडल बूथ संख्या 248, 249, 250 तथा दो वेब बूथ संख्या 255, 256 स्थापित किये गये थ़े.
बगोदर तथा बिरनी में दो-दो मॉडल बूथ बनाये गये थ़े मॉडल बूथ के मतदाताओं को सम्मानित किया गया़ मतदान केंद्र संख्या 377 पर दो गुटों में आपसी विवाद देखा गया़