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बैंक ऑफ इंडिया का फोकस किसानों पर

बैंक ने चार क्रेडिट प्रोसेसिंग सेंटर खोले हैं, जो खगौल, गया, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में है. यह पूरी तरह से कृषि ऋण एवं सरकार प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रोसेस कर रहे हैं. इससे बैंकों के राष्ट्रीयकरण के दिन चुनिंदा शाखाएं अपने परिचालन के क्षेत्र में किसान गोष्ठी का आयोजन करेंगे. इसमें कोई कृषि विशेषज्ञ […]

बैंक ने चार क्रेडिट प्रोसेसिंग सेंटर खोले हैं, जो खगौल, गया, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में है. यह पूरी तरह से कृषि ऋण एवं सरकार प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रोसेस कर रहे हैं. इससे बैंकों के राष्ट्रीयकरण के दिन चुनिंदा शाखाएं अपने परिचालन के क्षेत्र में किसान गोष्ठी का आयोजन करेंगे. इसमें कोई कृषि विशेषज्ञ उस क्षेत्र में किसानों से जु.डे मुद्दों उनको संबोधित करेगा. सूबे के सभी 38 जिलों में इस बैंक की शाखाएं हैं.

बिहार में बैंक अपनी 281 शाखाओं के माध्यम से नियंत्रित करता है, जिसमें 133 ग्रामीण, 85 अर्धशहरी और 60 शहरी शाखाएं हैं. ये सभी शाखाएं पटना, मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर के नियंत्रण में हैं. बैंक बिहार में प्रत्येक विकास परक एवं सामाजिक कायरें में भाग लेती है. गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे एवं ग्रामीण व्यक्तियों के उत्रयन के प्रति बैंक संवेदनशील है. बैंक राज्य के भीतर अपनी शाखाओं के नेटवर्क के माध्यम से कृषि, उद्योग, सेवा क्षेत्र एवं व्यापार में राज्य की प्रगति में योगदान देता है. इन जिम्मेवारियों का निर्वहन करने के लिए बैंक वृद्ध पेंशनभोगियों, सामाजिक सुरक्षा पेंशन भोगियों एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए नो फ्रिल खाते खोलने से संबंधित सभी कायरें पर जोर दिया जा रहा है.

बिहार में तीन जिलों की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए पहचान की गयी है. बैंक ने अरवल, शिवहर और शेखपुरा में 100 प्रतिशत लोगों को खाते खोल लिये हैं. बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड के माध्यम से राज्य को कवर करने की दृष्टि से कारोबार परामश्री एवं टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर लगाये हैं. बैंक का बिहार में ऋण-जमा अनुपात 37.52 प्रतिशत है. 18 प्रतिशत विनियामक बजट के सामने कृषि अग्रिम 32.20 प्रतिशत है. प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में 40 प्रतिशत के लक्ष्य के सामने 56.79 प्रतिशत है.


बैंक का प्रोफाइल

1969 में 13 अन्य बैंकों के साथ इसका राष्ट्रीयकरण किया गया. उससे पूर्व बैंक निजी स्वामित्व एवं नियंत्रण में था. बैंक को 50 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ मुंबई में आरंभ किया गया. बैंक की भारत वर्ष में सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को शामिल कर 4400 से अधिक शाखाएं हैं. इन शाखाओं को 50 आंचलिक कार्यालयों के माध्यम से नियंत्रित किया गया है. 30.06.2013 को बैंक का कुल कारोबार 7000001 के आंकडे को पार कर गया है. बैंक भारत में स्फिट सुविधा की स्थापना करने वाले समूह का संस्थापक सदस्य है. इसकी सभी शाखाएं कोर बैंकिंग प्रणाली के अंतर्गत है.

किसानों के लिए ढेरों हैं बैंक की योजनाएं

किसान क्रेडिट कार्ड

इसका लाभ सभी किसान ले सकते हैं, जो कृषि कायरें से जु.डे हैं. इसके अंतर्गत फसल पैदा करने के लिए अल्पकालिक ऋण, फसल उत्पादन के बाद होनेवाले खर्च

कर्ज, किसान परिवार के उपभोग संबंधी जरूरत पूरी करने के लिए एक लाख रुपये तक ऋण दिया जाता है. एक लाख से अधिक के ऋण में जमीन का बंधक या अन्य सिक्यूरिटी देनी होगी तथा ब्याज दर सात प्रतिशत देय होगा.

डेयरी डेवलपमेंट

दुधारू पशु की खरीदारी, उनके रख-रखाव एवं संरक्षण के लिए किसान, मजदूर किसानों को ऋण दिया जाता है. सामान्य कोटि के ऋणी को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के ऋणी को परियोजना लागत का 58.33 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. इसके भुगतान की समय सीमा पांच से छह साल है तथा इसके लिए ब्याज दर-12.25 प्रतिशत है.

मत्स्य पालन

इस योजना का लाभ किसान, सहकारी समिति, जिनके पास पर्याप्त अनुभव तथा आधारभूत सुविधा हो ले सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य मछली पालन, तालाब निर्माण, मछली बीज की खरीदारी तथा तालाब रख-रखाव के लिए है. इसके लिए ब्याज दर-12.25 प्रतिशत वार्षिक है.

कृषि यांत्रिकीकरण

ट्रैक्टर, पावर टिलर, पावर थ्रेसर, पावर स्प्रेयर, पावर डस्टर इत्यादि खरीदने के लिए वैसे किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं, जिनके पास सिंचिंत पांच एकड़ जमीन हो.

नये वाहन के लिए 100000 रुपये तक कोई माजिर्न नहीं लगेगा.

बकरी पालन

इस योजना के तहत बकरी पालन के लिए किसानों, समूहों, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियों को आवश्यकता अनुसार दिया जाता है, जिस पर वार्षिक व्याज दर 12.25 प्रतिशत है.

स्टार कृषि वाहन

ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए प्रयोग किये जाने वाले वाहन खरीदने के लिए एक लाख से 15 लाख रुपये का सावधि ऋण दिया जाता है, जिसे पांच से सात वर्षों में चुकाना रहता है. इसके लिए लाभुक को 25 प्रतिशत माजिर्न तथा 11.75 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा.

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