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फल की चिंता करोगे, तो कर्म भी न कर पाओगे

।।दक्षा वैदकर।। हम सभी की सबसे बड़ी समस्या है तनाव. लोग हमेशा कहते दिखते हैं, यार, बहुत टेंशन है.. क्या करें दोस्तों क्या आपको पता है कि तनाव होता क्या है? आप गौर करें. जब भी हम यह सोचते हैं कि हम जो करने जा रहे हैं उसकी वजह से कोई समस्या तो नहीं हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2013 2:25 AM

।।दक्षा वैदकर।।

हम सभी की सबसे बड़ी समस्या है तनाव. लोग हमेशा कहते दिखते हैं, यार, बहुत टेंशन है.. क्या करें दोस्तों क्या आपको पता है कि तनाव होता क्या है? आप गौर करें. जब भी हम यह सोचते हैं कि हम जो करने जा रहे हैं उसकी वजह से कोई समस्या तो नहीं हो जायेगी? हमें तनाव हो जाता है.

जब हमें पूरा विश्वास होता है कि हम जो कर रहे हैं उससे अच्छा ही होनेवाला है, तो हमें तनाव नहीं होता. कुल मिला कर तनाव हमें उसी परिस्थिति में आता है, जब हम रिजल्ट, परिणाम या आउटपुट की चिंता करने लगते हैं. जैसा कि गीता में भी लिखा है, कर्म किये जा, फल की चिंता मत कर. हमें भी फल की चिंता छोड़नी पड़ेगी. हमें सोचना बंद करना होगा कि मुझे इसका फल मिलेगा या नहीं, मुङो इसका फल नकारात्मक मिलेगा या सकारात्मक. आपको बस अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम तक पहुंचाने पर फोकस करना चाहिए. अगर आप फल की चिंता करने लगोगे, तो आप काम सही ढंग से नहीं कर पाओगे. इसका एक उदाहरण भी है.


जब
मैं 12 वीं कक्षा में थी, मेरी दोस्त इन्दू ने डरतेडरते अपना नाम डांस कंपीटीशन में लिखवा लिया. क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल पार कर वह फाइनल राउंड तक पहुंच गयी थी. हम सब खुश थे कि वह फाइनल तक पहुंच गयी, लेकिन वह बहुत तनाव में थी. उसका कहना था कि निर्णायकों में जो टीचर शामिल हैं, वे उसे पसंद नहीं करते हैं. वे उसे जानबूझ कर हरा देंगे. मार्क् कम देंगे. इस चिंता में वह घुली जा रही थी. तभी मेरी एक दूसरी दोस्त दौड़तेदौड़ते आयी. उसने चहकते हुए कहा, पता है, मैं निर्णायकों के पास खड़ी थी.

मैंने उनकी बात सुनी. वे कह रहे थे कि इन्दू का डांस सबसे अच्छा है. उसे ही फर्स्ट देना चाहिए. इन्दू के चेहरे पर चमक गयी. उसने कहा, सच? दोस्त ने कहा हां, बिल्कुल सच. अब तू फर्स्ट आने की चिंता तो छोड़ ही दे. बस शानदार प्रस्तुति दे. इन्दू ने भी तनाव दूर भगा कर अच्छी प्रस्तुति दी और वह सच में फर्स्ट आ गयी. दूसरी दोस्त ने हमें उसके जीतने के बाद बताया कि उसने निर्णायकों की कोई बात नहीं सुनी थी. वह बस इन्दू का हारजीत का तनाव, डर खत्म करना चाहती थी.


बात
पते कीः

-फल की चिंता करना छोड़ दें. ज्यादासेज्यादा क्या होगा? आप असफल हो जायेंगे. यही . आप उसके बाद दोबारा तैयारी करें और दोबारा कोशिश करें.

-यह सोचें, परीक्षा में फेल हो गया, इंटरव्यू में फेल हो गया तो? पहले आप शांत दिमाग से परीक्षा इंटरव्यू तो दें. चिंता करेंगे, तो ये भी बिगड़ जायेगा.

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