21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिर का ट्रांसप्लांट करना मुमकिन

लंदन : इटली के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने सेल इंजीनियरिंग में नयी खोज की है, जिससे इनसान के सिर का भी ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा. इटली में ट्यूरिन अडवांस्ड न्यूरोमॉड्यूलेशन ग्रुप के डॉ सर्गियो कानावेरो के मुताबिक, इस मुश्किल सर्जरी का नतीजा दो साल में ही आने लगेगा. कानावेरो ने सर्जरी के तरीके […]

लंदन : इटली के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने सेल इंजीनियरिंग में नयी खोज की है, जिससे इनसान के सिर का भी ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा. इटली में ट्यूरिन अडवांस्ड न्यूरोमॉड्यूलेशन ग्रुप के डॉ सर्गियो कानावेरो के मुताबिक, इस मुश्किल सर्जरी का नतीजा दो साल में ही आने लगेगा.

कानावेरो ने सर्जरी के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में दो इनसानों के सिर को बेहद तेज ब्लेड से एक साथ काटा जायेगा. इसके बाद कूलिंग की जायेगी और जिस पर नया सिर ट्रांसप्लांट करना है उसके सिर को हटाकर उसके शरीर से नये सिर को एक अडवांस्ड पॉलिमर गोंद से चिपकाना है. उनका कहना है कि सिर और शरीर की अदलाबदली इलेक्ट्रोफ्यूजन के जरिये भी की जा सकेगी.

पीठ के बल सुलाने से चपटे होते हैं सिर!

वाशिंगटन : नवजात को मौत से बचाने के लिए पीठ के बल सुलाने का सुझाव उनके सिर के आकार को बदल सकता है. कनाडा में हाल ही में कराये गये सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि दो माह के 50 फीसदी शिशुओं के सिर पीठ के बल सुलाने से चपटे (पोजिशनल प्लाजियोसेफली) हो जाते हैं.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स के 1992 में दिये गये सुझाव के मुताबिक, शिशुओं को पीठ के बल सुलाया जाता है, जिससे शिशुओं की मृत्यु दर में गिरावट आयी है. हालांकि, इनमें पोजिशनल प्लाजियोसेफली बढ़ गयी है. मां को बच्चे का करवट बदलते रहना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें