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पुलिस ने विजिलेंस को सौंपी संपत्ति की सूची आदेश मिला, तो होंगे गिरफ्तार

लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई यानी ग्राम पंचायतें भी भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने में पीछे नहीं है. सरकारी योजनाओं की लूट में अधिकतर जनप्रप्रतिनिधि संलिप्त हैं. यही कारण है कि कल तक साइकिल से चलनेवाले आज लग्जरी गाड़ियों से घूम रहे हैं. सिर्फ गांव में ही नहीं, महानगरों में भी आलीशान मकान और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2013 1:17 PM

लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई यानी ग्राम पंचायतें भी भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने में पीछे नहीं है. सरकारी योजनाओं की लूट में अधिकतर जनप्रप्रतिनिधि संलिप्त हैं. यही कारण है कि कल तक साइकिल से चलनेवाले आज लग्जरी गाड़ियों से घूम रहे हैं. सिर्फ गांव में ही नहीं, महानगरों में भी आलीशान मकान और बैंकों में लाखों-करोड़ों का बैलेंस है.

रातों-रात कोई चमत्कार तो होता नहीं है. जाहिर है उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा जनकल्याण की राशि की लूट से अजिर्त है. हाल ही में पश्‍चिम चंपारण जिले के दो प्रखंडों की दो पंचायतों के मुखियाओं के घर पर विजिलेंस के द्वारा छापेमारी हुई है. उनकी करोड़ों की संपत्ति की जांच-पड़ताल भी हुई. आर्थिक अपराध शाखा के निशाने पर अब राज्य के मुखिया, पूर्व मुखिया, नगर पर्षद व पंचायत समिति के सदस्य भी हैं.

सूत्रों के अनुसार राज्य पुलिस मुख्यालय ने ऐसे पंचायत प्रप्रतिनिधियों की सूची भी तैयार कर ली है, जिन्होंने पिछले दो-तीन वर्षों में आय से अधिक संपत्ति अजिर्त की है. पश्‍चिम चंपारण जिले के बाद अब आर्थिक अपराध शाखा पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, गया और औरंगाबाद जिले के पंचायत प्रप्रतिनिधियों के ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी में है. इससे राज्य भर के वैसे जनप्रप्रतिनिधि, जिन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति अजिर्त की है, उनके बीच खलबली मच गयी है.

आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में पश्‍चिम चंपारण जिले के दो प्रखंडों की दो पंचायतों के मुखियाओं पर विजिलेंस का शिकंजा कस गया है. ऐसे मामलों में पहली बार विजिलेंस न्यायालय के निर्देश पर जिला पुलिस ने कार्रवाई की है. सिर्फ कार्रवाई ही नहीं की, बल्कि दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी करोड़ों की संपत्ति की सूची भी विजिलेंस को सौंप दी है. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद वहां से निर्देश आने पर गिरफ्तारी को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. यहां बता दें कि पुलिस अधीक्षक सुनील नायक मेघावत के निर्देश पर जिला पुलिस ने प्रशिक्षु एसपी राजेंद्र कुमार भील एवं सदर एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल के नेतृत्व में मझौलिया प्रखंड की बहुअरवा पंचायत की मुखिया अर्चना श्रीवास्तव के बहुअरवा एवं नगर के बानुछापर स्थित मकान पर छापेमारी की थी.

लेकिन, बानुछापर स्थित मकान बंद होने के कारण पुलिस ने उसे सील कर दिया था. वहीं पुलिस ने बैरिया प्रखंड की दक्षिणी पटजिरवा पंचायत के मुखिया सुनील वर्मा के रनहा स्थित मकान व नगर के बानुछापर स्थित दो मकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में पुलिस को छापेमारी के दौरान दोनों मुखिया के पास से भूमि, भवन, वाहन, नगद एवं अन्य कीमती सामान सहित करोड़ों की संपत्ति मिली थी.

अलग-अलग थानों में दर्ज हुई दो प्राथमिकी

पुलिस ने बहुअरवा की मुखिया अर्चना श्रीवास्तव के खिलाफ मझौलिया थाने में कांड संख्या 255/013 एवं दक्षिणी पटजिरवा मुखिया सुनील वर्मा के खिलाफ मुफस्सिल थाने में कांड संख्या 391/013 दर्ज कर प्राथमिकी की प्रति विशेष निगरानी न्यायाधीश के न्यायालय में सर्मपित कर दी है. इधर, पुलिस की इस कार्रवाई के बाद जिले के करोड़पति जनप्रप्रतिनिधियों में दहशत व्याप्त हो गया है.

पूर्व में भी दर्ज हुई है घोटाले की प्राथमिकी

दोनों पंचायतों के आमजनों में हो रही चर्चाओं के मुताबिक इन जनप्रप्रतिनिधियों ने विगत सात वर्षो में पंचायतों में आ रही विकास की राशि से ही अपने-अपने आलीशान भवनों का निर्माण करवाया है. दोनों पंचायत प्रप्रतिनिधियों के खिलाफ उनके स्थानीय थानों में पूर्व में भी घोटालों की प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं.

पहले से ही दोनों की पृष्ठभूमि समृद्ध

दोनों जनप्रप्रतिनिधियों की पृष्ठभूमि मुखिया बनने से पूर्व भी समृद्ध रही है. पुलिस अधीक्षक सुनील नायक मेघावत ने बताया कि विजिलेंस के निर्देश पर दोनों मुखियाओं के यहां आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में छापेमारी की गयी है. इस मामले में दो थानों में अलग-अलग प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. यह पहला मौका है जब विजिलेंस व आर्थिक अपराध के मामले में पुलिस को छापेमारी का निर्देश दिया गया है. दोनों मुखियाओं के यहां मिली संपत्ति का ब्योरा व सूची विजिलेंस को भेज दिया गया है. इस मामले में अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है.

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