ठंड से बच्चों और वृद्धों को विशेष सावधानी की आवश्यकता
फोटो,नं.- 4 (जानकारी देते चिकित्सा पदाधिकारी )जमुई. ठंड से बच्चों व वृद्धों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि बच्चों और वृद्धों के शरीर में ठंड से लड़ने की क्षमता कम होती है. अत: इससे सर्वाधिक खतरा बच्चों और वृद्धों को ही रहता है. उक्त बातों की जानकारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अंजनी कुमार सिन्हा […]
फोटो,नं.- 4 (जानकारी देते चिकित्सा पदाधिकारी )जमुई. ठंड से बच्चों व वृद्धों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि बच्चों और वृद्धों के शरीर में ठंड से लड़ने की क्षमता कम होती है. अत: इससे सर्वाधिक खतरा बच्चों और वृद्धों को ही रहता है. उक्त बातों की जानकारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अंजनी कुमार सिन्हा ने दी. डा. श्री सिन्हा ने बताया कि बच्चों के सिर व वदन को ढक कर रखें. क्योंकि ठंड की वजह से निमोनिया,डायरिया,सर्दी-खांसी,बुखार,उल्टी,बेचैनी आदि हो सकती है. बच्चों को हल्का गर्म खाना खिलायें और नियमित रुप से आग से वदन को सेंके. बंद कमरे में कभी भी अंगेठी न जलायें, क्योंकि इससे बच्चों को सांस की तकलीफ हो सकती है. बच्चों का बिछावन हमेशा सूखा रखें. क्योंकि रात में ज्यादा देर तक बिछावन भींगा रहने के कारण ठंड लगने से उनकी मौत भी हो सकती है. वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग बिल्कुल मॉर्निंग वॉक न करें और धूप निकलने पर ही व्यायाम करें. मधुमेह व रक्तचाप वाले व्यक्ति नियमित रुप से अपनी जांच करायें तथा चिकित्सक के परामर्श से दवा का इस्तेमाल करें. नमक,तेल-मशाला व गरीष्ठ भोजन का इस्तेमाल कम करें. क्योंकि रक्तचाप अधिक होने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है और अगर बे्रन हेमरेज होने वाले व्यक्ति किसी कारणवश जीवित बच गये तो वे लकवाग्रस्त हो जायेंगे. वहीं दमा के रोगी ठंड के दौरान धुएं से बिल्कुल बच कर रहें. दही-केला आदि का सेवन न करें. हरी साग-सब्जी का अधिक प्रयोग करें और वदन को ढक कर रखें.