झारखंड में पहली बार बनेगी पूर्ण बहुमत की सरकार, भाजपा गठबंधन ने किया 42 सीटों पर कब्‍जा

रांची : शाम होते-होते झारखंड की नयी विधानसभा की संभावित तसवीर अधिक साफ हो गयी है. शाम सात बजे तक भाजपा ने 42 सीटों पर विजय हासिल करते हुए बहुमत प्राप्त कर लिया है. वहीं, झामुमो 18 सीटों पर जीतकर मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने आई है. अभी समाचार लिखे जाने तक जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 12:12 PM

रांची : शाम होते-होते झारखंड की नयी विधानसभा की संभावित तसवीर अधिक साफ हो गयी है. शाम सात बजे तक भाजपा ने 42 सीटों पर विजय हासिल करते हुए बहुमत प्राप्त कर लिया है. वहीं, झामुमो 18 सीटों पर जीतकर मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने आई है.

अभी समाचार लिखे जाने तक जो स्थिति है उसमें भाजपा-आजसू गठबंधन सबसे बडी पार्टी केरुपमें उभर चुकी है. भाजपा गठबंधन को 42 सीटों पर बढत के बाद विजय मिल चुकी है. झारखंड में 81 विधानसभा सीट है. शाम तक उतार-चढाव भरे मतगणना के दौर में कई बार तो बहुमत के लिए 41 का आंकड़ा छूना भी भाजपा गठबंधन के लिए चुनौती बनती दिख रहा था.

अभी तक के जो आंकडे हैं उसमें भाजपा-आजसू गठबंधन 42 सीटें जीत चुका है जबकि जेएमएम 18, जेवीएम 7, कांग्रेस 5, जेवीएम 7 सीटें जीत चुके हैं. अन्य दो सीटों में से एक-एक पर कांग्रेस और जेवीएम बढ़त बनाये हुए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) अपनी जमीन बचाये रखने में कामयाब होती दिख रही है. 2009 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम को 18 सीटें मिली थी. इस बार भी जेएमएम को 18 सीटें ही मिल पाई हैं लेकिन ये कहा जा सकता है कि वह अपनी साख बरकरार रखने में कामयाब रही है. मतगणना के बाद ये स्पष्ट हो रहा है कि झारखंड में भाजपा की सीटें और बढ़ सकती थीं लेकिन ये सिर्फ हेमंत और शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम ही रही है जिसने भाजपा के विजय अभियान में बीजेपी की सीटों में कटौती की.

बाबुलाल मरांडी की जेवीएम पार्टी 7 सीटें जीतकर सबको चौंकाती नजर आई है. हालांकि मरांडी खुद चुनाव हार गए हैं. इस बार के चुनाव परिणाम में इनका प्रभाव कम होता दिखायी दे रहा है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद इनका निर्णय झारखंड की राजनीति में दूरगामी असर डाल सकता है. पत्रकारों से यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा से गठबंधन करेंगे, ऐसे में उनका जवाब था कि यह चुनाव परिणाम आने के बाद तय किया जाएगा.

इस चुनाव परिणाम में कई दिग्गज हाशिये पर दिख रहे हैं. एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा चुनाव हार चुके हैं वहीं आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो और भाजपा की तरफ से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी चुनाव हार चुके हैं. हेमंत सोरेन दो जगह से चुनाव लड रहें थे मगर दुमका सीट से सोरेन भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं. हेमंत सोरेन की इज्जत बरहेट सीट ने बचाई, जहां से हेमंत चुनाव जीतकर विधानसभा जायेंगे.

निर्दलीय एवं अन्य छोटी पार्टियों की स्थिति इस चुनाव परिणाम में बेहतर नहीं दिख रही है. निर्दलीय इसमें सिकुड़ते दिख रहे हैं. जहां पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय एवं अन्य छोटी पार्टियों को 15 सीटें मिली थी वहीं इसमें वे केवल 6 सीटों में बढत बनाये हुए हैं.

चुनाव परिणाम जैसे-जैसे आते जा रहें हैं इस ठंढ में भी झारखंड में राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है. अब अंतिम आंकड़े आ चुके हैं, ऐसे में भाजपा-आजसू की सरकार बनाने को लेकर क्या रणनीति होगी यह भी कुछ घंटों में स्पष्ट हो जाएगा.

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