नकारात्मक विचारों से बचना है, तो माफ करना सीखें
।। दक्षा वैदकर ।। मेरा एक दोस्त है. उसे ऑफिस के ऐसे व्यक्ति ने धोखा दिया, जिसे वह अपना सबसे करीबी साथी मानता था. मेरा दोस्त उसकी हरकत से टूट गया. उसने उस व्यक्ति से बात करना बंद कर दिया. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. चूंकि वह व्यक्ति उसी ऑफिस में काम करता है, […]
।। दक्षा वैदकर ।।
मेरा एक दोस्त है. उसे ऑफिस के ऐसे व्यक्ति ने धोखा दिया, जिसे वह अपना सबसे करीबी साथी मानता था. मेरा दोस्त उसकी हरकत से टूट गया. उसने उस व्यक्ति से बात करना बंद कर दिया. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. चूंकि वह व्यक्ति उसी ऑफिस में काम करता है, वह बार–बार मेरे दोस्त को नजर आ जाता है और उसे देख कर दोस्त के घाव ताजा हो जाते हैं. वह ऑफिस हो या घर, हर वक्त उस धोखेबाज दोस्त के बारे में सोचता रहता है. वह ऑफिस में चर्चा करता है, परिवारवालों के साथ बैठ कर उसकी बुराई करता है, उसे कोसता है, खुद को कोसता है कि उसने उस पर भरोसा क्यों किया.
दोस्तो, हम सब के साथ ऐसा होता है. कोई हमारे साथ कुछ बुरा करता है और हम उस बात को सोच–सोच कर परेशान होते रहते हैं. सामनेवाले को हम कह भी देते हैं कि ‘मैंने तुम्हें माफ किया’, लेकिन भीतर ही भीतर हम उससे नफरत करने लगते हैं. आप कहेंगे कि यह ठीक है. उसने गलती की, इसलिए आप उसे माफ नहीं करेंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि सामनेवाले को माफी न देकर आप खुद को उससे बड़ी सजा दे रहे हैं? जी हां, जब आप किसी को माफ नहीं करते, तो वह बात आपके दिमाग में घर कर जाती है.
इस तरह आप नकारात्मक विचारों से घिरते जाते हैं और अपनी तरक्की रोकते हैं, क्योंकि तरक्की के लिए आपका सकारात्मक ऊर्जा से भरा होना जरूरी है. बेहतर है कि लोगों को माफ कर दें. उस वाकये को अपनी मेमोरी से डिलीट मार दें और रिसाइकल बिन से भी उसे डिलीट मारें, ताकि वह दोबारा लौट कर न आये.
आप पूछेंगे, माफी देना इतना आसान है क्या? दोस्तो, हम सभी से बड़ी–बड़ी गलतियां होती हैं. बाद में जब हम पीछे मुड़ते हैं, तो सोचते हैं कि इतनी बड़ी गलती मैंने कैसे कर दी? इस वक्त आप जिस कृत्य पर दुखी हैं, उसी बात पर पहले आप 100 प्रतिशत अडिग थे कि आप जो कर रहे हैं, वह सही है. कई बार परिस्थितियां, परवरिश, स्वभाव, सोचने व निर्णय लेने की क्षमता इनसान से गलती करवाती है. सामनेवाले की उस स्थिति को समङों, खुद को उसकी जगह रखें और उसे माफ कर दें. उस इनसान के बारे में सकारात्मक विचार रखें, ताकि आप भी सकारात्मक ऊर्जा महसूस करें.
– बात पते की
* खुद को सामनेवाले की जगह रख कर सोचें कि वह कौन–सा पल या सोच था, जिसने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया. आपको हल मिल जायेगा.
* लोगों को माफी न देकर नकारात्मक विचारों को अपने पास जमा होने न दें. ये आपको पीछे की तरफ खीचेंगे. माफ करें और घटना को भूल आगे बढ़ें.