रोम : भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो मरीनों का भारत लौटना थोड़ा संदेहास्पद हो गया है. इस संबंध में इटली के विदेश मंत्री पाओलो जेन्टीलोनी ने बयान दिया है कि सरकार देखेगी कि जिन दो मरीनों पर हत्या का आरोप है उनमें से एक भारत लौटने की स्थिति में है या नहीं. दोनों मरीनों पर हत्या का आरोप वर्ष 2012 में लगा था.
विदेश मंत्री ने बताया कि उन्हें दोनों इतालवी मरीनों-मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने के मामले में परिणाम की उम्मीद है. जेन्टीलोनी की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक मरीन गिरोने का क्रिसमस मनाने के लिए इटली जाने संबंधी आग्रह ठुकरा दिया. न्यायालय ने लातोरे की याचिका भी ठुकरा दी जिसमें उसने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इटली में अपने प्रवास की अवधि बढाने का अनुरोध किया था.
इस साल के शुरु में दिल की समस्या होने के कारण लातोरे विमान से इटली गया था. जेन्टीलोनी ने कल रेडियो पर एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘हम देखेंगे कि क्या लातोरे जनवरी के मध्य में भारत लौटने की स्थिति में है. इतालवी समाचार एजेंसी एएनएसए ने जेन्टीलोनी को यह कहते हुए उद्धृत किया है कि मरीन का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है.
वर्ष 2012 में केरल में दो भारतीय मछुआरों को मार डालने के आरोपी दोनों इतालवी मरीनों का कहना है कि उन्होंने इतालवी तेल टैंकर की निगरानी करते समय, मछुआरों को भूलवश दस्यु समझ कर उन पर गोली चलाई थी. ये मरीन अपने मामले की सुनवाई का इंतजार करते हुए नई दिल्ली स्थित इतालवी दूतावास में रह रहे थे और वे देश छोड कर नहीं जा सकते थे.
इस मामले से भारत और इटली के रिश्तों में तनाव आ गया. इटली ने कहा कि यह मामला भारत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. पूर्व में जेन्टीलोनी ने कहा था ‘‘नतीजा :भारत के साथ बातचीत का: बेहद निराशाजनक रहा है.’’