इस्लामाबाद : घातक आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा पाकिस्तान शक्तिशाली सेना से संबंध सुधारने के उद्देश्य से पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह मामले में चल रही सुनवायी को ठंडे बस्ते में डालने पर विचार कर रहा है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दिसम्बर 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ 2007 में आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला शुरू किया था. न्यायमूर्ति फैजल अरब, न्यायमूर्ति ताहिर सफदर और न्यायमूर्ति यावर सईद वाली विशेष अदालत की पीठ ने बचाव पक्ष की ओर से मामले को निलंबित करने के लिए दायर 26 याचिकाओं के निस्तारण के लिए 80 सुनवाइयां कीं.
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि गत वर्ष विरोधों का सामना करने के बाद सरकार चाहती है कि यह मुद्दा तब तक लटका रहे जब तक मुशर्रफ के खिलाफ सुनवायी के लिए गठित विशेष न्यायाधिकरण अप्रासंगिक ना हो जाए. आधिकारिक अभियोजन दल ने इस मामले में उकसाने वालों के खिलाफ अभियोजन चलाने से इनकार कर दिया है.
संघीय सरकार ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के विशेष अदालत की सुनवायी को कुछ सप्ताह के लिए निलंबित करने के निर्णय का समर्थन किया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह पेशावर हमले के बाद बदली हुई परिस्थिति के मद्देनजर नयी रणनीति का हिस्सा है.’
अधिकारी ने कहा, ‘यह संघीय सरकार की सैन्य प्रतिष्ठान के साथ संबंध सुधारने की समग्र योजना का भी हिस्सा है.’ इमरान खान की पाकिस्तान तहरीके इंसाफ और पाकिस्तान अवामी तहरीक के ताहिरुल कादरी के चार महीने के धरने के दौरान मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में सुनवायी कुछ सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई थी.