बीयर की बोतल पर महात्मा गांधी का चित्र, भारत की आपत्ति के बाद कंपनी ने मांगी माफी

न्यू यॉर्क : एक ओर तो अमेरिका भारत का मित्र बनने का दावा करता है वहीं दूसरी ओर अमेरिका की एक शराब कंपनी की ओर से राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर और नाम के साथ बियर बेची जा रही है. महात्मा गांधी, जो शुरू से ही शराब और नशा के खिलाफ थेआज उनके ही नाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2015 12:48 PM

न्यू यॉर्क : एक ओर तो अमेरिका भारत का मित्र बनने का दावा करता है वहीं दूसरी ओर अमेरिका की एक शराब कंपनी की ओर से राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर और नाम के साथ बियर बेची जा रही है. महात्मा गांधी, जो शुरू से ही शराब और नशा के खिलाफ थेआज उनके ही नाम से बियर बेचने की हिमाकत अमेरिका में की गयी है.

गांधी जी को भारत में राष्‍ट्रपिता का दर्जा दिया गया है वहीं अमेरिका सहित अन्‍य देशों में उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय नागरिकता भी दी गयी है. साथ ही गांधी जी का नाम दुनिया भर में सम्‍मान से लिया जाता है.

इस बीच अमेरिका में एक बियर कंपनी ने कुछ ऐसा किया जिससे भारत में कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. एक कंपनी ने महात्मा गांधी के नाम और स्केच के साथ अपनी बियर ‘गांधी-बॉट’बेचनी शुरू कर दी है. इसको लेकर भारतीय मूल के लोगों में भारी आक्रोश है. भारतीय मूल के लोगों ने इस हरकत के लिए कंपनी से माफी मांगने को कहा है.

हैदराबाद के एक वकील जनार्दन रेड्डी ने बियर के लिए महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल करने को लेकर अमेरिका की इस शराब कंपनी के खिलाफ मेट्रोपॉलिटिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका भी दायर की है. रेड्डी ने अपनी याचिका में कंपनी की इस हरकत को दंडनीय अपराध करार दिया है.हालांकि इसके बाद उस अमेरिकी कंपनी ने माफी मांग ली है. कनेक्टीकट आधारित न्यू इंग्लैण्ड ब्रूइंग कंपनी ने यह भी दावा किया कि उसका इरादा शांति दूत के प्रति सम्मान व्यक्त करने का था और गांधी की पौत्री एवं पौत्र लेबल के लिए उसकी प्रशंसा कर चुके हैं.

उन्होंने इसे महात्मा गांधी का अपमान भी बताया है. याचिका में बताया गया है कि कंपनी की ओर महात्‍मा गांधी ने नाम और स्‍कैच के साथ एक बियर बेची जा रही है. इस पर महात्‍मा गांधी के परपौत्र तुषार गांधी ने सरकार को इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही है.

उन्‍होंने कहा कि महात्‍मा गांधी शुरू से ही नशे और शराब के खिलाफ थे. उनके नाम से मादक पदार्थों की बिक्री उनका अपमान है. सरकार इसपर गंभीरता से विचार करे और अमेरिका से इसपर रोक लगाने की मांग करे.

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