इस्लामाबाद : वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के सरगना जकी उर रहमान लखवी की जमानत के खिलाफ पाकिस्तान सरकार की अपील पर अदालत आज सुनवाई करेगी. इस मामले की सुनवाई के लिए एक खंडपीठ बनाई गयी है.
लखवी की जमानत पर भारत ने कडी आपत्ती जताई थी जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने लखवी की जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस अपील में सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि निचली अदालत ने सरकार को गवाहों की पेशी के लिए माकूल समय नहीं दिया और अपना फैसला सुना दिया. फिलहाल लखवी जेल में ही बंद है.
इससे पहलेअदालत के एक अधिकारी ने जानकारी दी थी कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने लखवी की जमानत के खिलाफ सरकार के अनुरोध पर उसकी (सरकार की) अपील पर सुनवाई के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है. इस मामले की सुनवाई के लिए एक खंडपीठ का गठन किया गया है.’’ उन्होंने बताया कि सरकार ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि इस विषय पर फौरन विचार किया जाए और इसकी जल्द से जल्द सुनवाई के लिए तारीख तय की जाए.
अधिकारी ने बताया था कि अदालत ने मंगलवार की सुनवाई के लिए प्रतिवादी लखवी को एक नोटिस भी जारी किया है. पाकिस्तान सरकार ने कल लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर लखवी की जमानत को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा था कि आतंकवाद रोधी अदालत ने उसकी जमानत मंजूर करते हुए 26:11 मामले में गवाही नजरअंदाज कर दी.
संघीय जांच एजेंसी के अतिरिक्त महानिदेशक मोहम्मद खालिद कुरैशी द्वारा दायर सरकार की याचिका के मुताबिक, ‘‘यह तथ्य बरकरार है कि निष्क्रिय हो चुके आतंकवादी संगठनों के ऐसे मुकदमों को चलाया जाना इतना आसान भी नहीं है और खासतौर पर हमारे देश में पिछले कुछ सालों से ऐसे मामले अभियोजन के पास सर्वाधिक मुश्किल काम रहे हैं.’’