गुमटी का गेट खुला रह गया और पार कर गये ट्रेन के चार डिब्बे

पटना: गुरुवार को आर ब्लॉक गेट पर उस समय एक बड़ा हादसा टल गया, जब पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस शंटिंग के दौरान खुले आर ब्लॉक गेट को पार कर गयी. रेलकर्मियों की अनदेखी के चलते रेलवे फाटक भी बंद नहीं हो पाया और एक मोटर साइकिल रेल की चपेट में आते-आते बची. वाकया उस समय हुआ, जब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 5:58 AM
पटना: गुरुवार को आर ब्लॉक गेट पर उस समय एक बड़ा हादसा टल गया, जब पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस शंटिंग के दौरान खुले आर ब्लॉक गेट को पार कर गयी. रेलकर्मियों की अनदेखी के चलते रेलवे फाटक भी बंद नहीं हो पाया और एक मोटर साइकिल रेल की चपेट में आते-आते बची.

वाकया उस समय हुआ, जब सुबह नौ बजे पटा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस की रैक हार्डिग यार्ड से निकल कर प्लेटफॉर्म पर जा रही थी. रेलवे के हॉर्न की आवाज सुन और ट्रेन को गेट की ओर बढ़ता देख गेट मैन को भी कुछ नहीं सूझा और वह अपनी जान जोखिम में डाल कर पटरी पर से झंडी हटा कर फाटक बंद करने का प्रयास करने लगा.

हालांकि तब तक ट्रेन का चार डिब्बा गुमटी को पार कर गया था. घटना को लेकर वहां मौजूद लोगों ने हंगामा किया, जिसके बाद ट्रेन को तुरंत आगे बढ़ाया गया. दुखद बात तो यह है कि शाम तक भी किसी जिम्मेदार अधिकारी को इस मामले की जानकारी नहीं थी. दानापुर मंडल के पीआरओ सुबोध कुमार ने भी बताया कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है.

अक्सर टल जाते हैं हादसे : पटना जंकशन से सटे हार्डिग यार्ड में पटना सिकंदराबाद, पटना एर्नाकुलम, संघमित्र और कुछ सवारी गाड़ियों का मेंटेनेंस किया जाता है. पटना-सिकंदरबाद एक्सप्रेस का मेंटेनेंस शाम को होकर ट्रेन रात भर हार्डिग पार्क में ही रहती है. सुबह नौ बजे रोजाना उसे यार्ड से निकाल कर पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर चार या फिर पांच नंबर पर लग जाती है. यहां से यात्री ट्रेन पकड़ कर अपनी मंजिल के लिए जाते हैं. आसपास के दुकानदारों ने बताया कि अक्सर ट्रेन मेंटेनेंस करने के बाद जंकशन जाते समय आर ब्लॉक पार कर जाती है. ऐसे में गेट बंद नहीं होने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
नहीं बनाया गया था कोई प्वाइंट
आर ब्लॉक गेट के आसपास मौजूद दुकानदारों ने बताया कि ट्रेन पार्क से मेंटेनेंस होकर जंकशन जा रही थी. शंटिंग के दौरान ड्राइवर गाड़ी को बैक कर मेन लाइन के सहारे जंकशन पर ले जा रहा था. घटना के दौरान बैक प्वाइंट भी नहीं बनाया गया था. इस वजह से ड्राइवर को पता नहीं चला और ट्रेन के चार डिब्बे गुमटी पार कर गये. रेलवे सूत्रों का कहना है कि बैक किये जाने के दौरान अगर कोच को गुमटी से आगे तक ले जाना होता है, तो प्वाइंट बनाया जाता है, जबकि वाकये के समय कोई प्वाइंट नहीं बनाया गया था.
गेट मैन को नहीं दिया गया निजी कोड
ट्रेन आने से चंद मिनट पहले नजदीकी स्टेशन के गेट मैन को निजी कोड दिया जाता है. गेट मैन फाटक का बैरियर नीचे करने के बाद दूसरे कोड दे फाटक बंद होने की सूचना संबंधित स्टेशन मास्टर को देता है. गुरुवार को हुए घटनाक्रम में जंकशन से किसी अधिकारी ने फाटक बंद करने के लिए गेट मैन को कोड नहीं दिया. इस कारण उनको ट्रेन आने की सूचना नहीं मिली. इधर प्रत्यक्षदर्शी दुकानदार मो गयासुद्दीन अली ने बताया कि ट्रेन मेंटेनेंस के बाद हार्डिंग पार्क जा रही थी, अचानक चार डिब्बे आर ब्लॉक गेट को पार कर गये. अगर यही स्थिति बनी रही तो कभी भी हादसा हो सकता है.

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