चेतक बूढ़ा-पारुल बूढ़ी, कैसे हो दियारा में गस्ती
आठ घोड़े-घोड़ियों के सहारे हो रही पुलिस गश्ती 72 अस्तबल में मात्र 10 घोड़े, दो अनफिट घोषित राकेश पुरोहितवार भागलपुर : चेतक, पारुल के बीमार और बूढ़े हो जाने से मात्र आठ घोड़े के सहारे दियारा इलाके में गश्ती हो रही है. आठ घोड़े-घोड़ियों में भी राजेश की उम्र 22 वर्ष हो चुकी है. उससे […]
आठ घोड़े-घोड़ियों के सहारे हो रही पुलिस गश्ती
72 अस्तबल में मात्र 10 घोड़े, दो अनफिट घोषित
राकेश पुरोहितवार
भागलपुर : चेतक, पारुल के बीमार और बूढ़े हो जाने से मात्र आठ घोड़े के सहारे दियारा इलाके में गश्ती हो रही है. आठ घोड़े-घोड़ियों में भी राजेश की उम्र 22 वर्ष हो चुकी है. उससे ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता है, क्योंकि वह रिटायरमेंट के करीब है. चेतक और पारुल की कमर अब जबाव दे गयी है. इस कारण वे हमेशा अस्तबल में ही रहते हैं. उन पर घुड़सवारी नहीं हो सकती है.
कलाय की फसल अब कटने वाली है. इस कारण नवगछिया और कटिहार के दियारा इलाके में अपराधियों से लड़ने के लिए आठ घुड़सवार पुलिस की तैनाती कर दी गयी है. दियारा गश्ती के अलावा वर्ष में एक बार श्रवणी मेले में कांवरिया पथ में अश्वरोही पुलिस की तैनाती की जाती है. 15 अगस्त और 26 जनवरी के परेड में भी अश्वरोही पुलिस समारोह की शोभा बढ़ाती है.
भागलपुर को चाहिए दो ट्रूप
भागलपुर और आसपास के जिलों के दियारा इलाकों को देखते हुए यहां दो ट्रूप (कंपनी) घोड़े की आवश्यकता है. एक ट्रूप में 27 घोड़े, 31 सिपाही, 6 साईस व एक नाई रहता है. लेकिन भागलपुर में एक ट्रूप से भी कम घोड़े हैं. भले ही पुलिसकर्मी पद के अनुरूप हैं, लेकिन घोड़े की संख्या कम है. इन्हें 24 घंटे में एक बार चारा मिलता है.
आवास, चहारदीवारी की समस्या
अश्वरोही पुलिस परिसर में कर्मियों को आवास की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यहां कुल 20-22 पुलिसकर्मी पदस्थापित हैं. लेकिन इनके रहने की व्यवस्था नहीं है. परिसर में एससी-एसटी थाना भी चल रहा है. परिसर की चहारदीवारी नहीं रहने के कारण कोई भी यहां आसानी से प्रवेश कर सकता है.
20 वर्ष तक कारगर होते हैं घोड़े
एक घोड़ा 20 वर्ष तक कारगर होता है. इस दौरान उससे आसानी से काम लिया जा सकता है, लेकिन 20 वर्ष से अधिक उम्र के घोड़े-घोड़ियों से न गश्ती करायी जा सकती है और न ही अन्य कोई काम. भागलपुर अश्वरोही केंद्र में सबसे कम उम्र की घोड़ी माधुरी है. उसकी उम्र आठ साल है. वह काफी फुर्तीली है. भागलपुर अश्वरोही केंद्र में कुल 72 अस्तबल हैं. लेकिन यहां मात्र दस घोड़े ही हैं. दस में तीन उम्रदराज हो चुके हैं.