कोलंबो : श्रीलंका के नये राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना अपने पहले विदेशी दौरे पर अगले महीने भारत आएंगे. इस बीच, यहां हिरासत में मौजूद सभी भारतीय मछुआरों को उन्होंने कार्यालय में पहले दिन सदभाव के तौर पर रिहा करने का आदेश दिया. सरकार के प्रवक्ता रजित सेनारत्ने ने आज यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘प्रधानमंत्री :नरेंद्र: मोदी ने राष्ट्रपति से भारत का दौरा करने के लिए कहा और वह चाहते थे कि यह यात्र इसी महीने हो.
लेकिन, उन्होंने :सिरीसेना ने: कहा कि इस महीने यह संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि वह अभी तो कामकाज संभाल ही रहे हैं, लेकिन अगले महीने की शुरुआत में ठीक है.’’ सेनारत्ने ने कहा कि सिरीसेना को बधाई देने के लिए मोदी ने टेलीफोन कर उन्हें जल्द से जल्द सुविधानुसार दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि सिरीसेना ने सद्भावना स्वरुप श्रीलंका की हिरासत में मौजूद सभी भारतीय मछुआरों को रिहा करने का फैसला किया और वह स्थानीय अधिकारियों द्वारा जब्त की गई भारतीय नौकाओं के भविष्य का फैसला करेंगे.
इस बीच, सिरीसेना ने आज ‘‘राष्ट्रीय एकता’’ वाली कैबिनेट बनाने का अभियान शुरु किया और निर्वासित विरोधियों को देश में वापस आने का न्यौता दिया. राष्ट्रपति चुनाव में महिन्दा राजपक्षे को करारी मात देने के एक दिन बाद नये राष्ट्रपति अपनी कैबिनेट में अलग अलग पार्टियों से मंत्रियों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं.
उन्होंने राजपक्षे शासन के नौकरशाहों में भी बदलाव करना शुरु किया और रजित सेनारत्ने को सरकारी प्रवक्ता बनाया. वरिष्ठ नौकरशाह पीबी अबेयकून को ललित वीरातुंगे की जगह राष्ट्रपति का सचिव या नौकरशाह प्रमुख बनाया. सेनारत्ने ने कहा कि सिरीसेना को सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन शामिल थे.
सेनारत्ने ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 13 से 15 जनवरी तक पोप की यात्र के बाद अगले सप्ताह कुछ मंत्रियों के नाम घोषित किये जायेंगे. सेनारत्ने को स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने की संभावना है. तत्काल राजनीतिक एवं आर्थिक सुधारों के लिए सौ दिन के कार्यक्रम का वादा करने वाले सिरीसेना ने विरोधी वेबसाइटों से सेंसरशिप हटाने तथा पत्रकारों, नेताओं के फोन टैपिंग तथा निगरानी खत्म करने का आदेश दिया.
देश छोडकर जाने वाले श्रीलंकाई पत्रकारों और अन्य विरोधियों को इस वादे के साथ वापस आने का न्यौता दिया गया है कि आलोचनाओं का स्वागत है. सिरीसेना ने आज खुद कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की और उनके कल कैंडी शहर में संबोधन की उम्मीद है.