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फ्रांस में आतंकवाद के खिलाफ उमड़ा जन सैलाब

पेरिस : फ्रांस में साप्ताहिक पत्रिका शार्ली एबदो के पत्रकारों-काटूर्निस्टों और उसके बाद वहां के सुपर मार्केट में लोगों को बंधक बनाये जाने की आतंकी कार्रवाई में 17 लोगों की मौत हो जाने के बाद रविवार को पेरिस में लाखों लोग जमा हुए और उन्होंने पदयात्र कर आतंक के खिलाफ एकजुटता और शांति का संदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2015 11:55 PM
पेरिस : फ्रांस में साप्ताहिक पत्रिका शार्ली एबदो के पत्रकारों-काटूर्निस्टों और उसके बाद वहां के सुपर मार्केट में लोगों को बंधक बनाये जाने की आतंकी कार्रवाई में 17 लोगों की मौत हो जाने के बाद रविवार को पेरिस में लाखों लोग जमा हुए और उन्होंने पदयात्र कर आतंक के खिलाफ एकजुटता और शांति का संदेश दिया. इस पदयात्र में दुनिया के 40 देशों के शासनाध्यक्ष, प्रमुख राजनेता व प्रतिनिधि शामिल हुए. इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने कहा आज पेरिस दुनिया की राजधानी बन गया है. उन्होंने कहा पूरा देश आज उठ खड़ा हुआ है. एक अनुमान के अनुसार, इस मार्च में लगभग दस लाख लोग शामिल थे.
वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ इस यूनिटी मार्च के गहरे निहीतार्थ हैं और संभव है दुनिया पर इसके दूरगामी असर भी हों. आतंक के खिलाफ दुनिया भर के इस संयुक्त पहल में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बिल्कुल पास खड़े थे. यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको और रूसी विदेश मंत्री सेर्गेइ लावरोव भी साथ-साथ पदयात्र करते नजर आये. दुनिया इजराइल और फिलिस्तीन की शत्रुता और रूस व यूक्रेन के पारस्परिक संघर्ष से परिचीत है. बावजूद इसके आतंकवाद के दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाने के बाद इन नेताओं का साथ आना महत्वपूर्ण है.
यह रैली पेरिस में तीन दिन हुए आतंकी हमलों में मारे गए 17 लोगों के सम्मान में निकाली गयी.दुनिया के प्रमुख नेता व मारे गये पत्रकारों-काटरूनिस्टों के परिजन व मित्रफ्रांस की राजधानी में हजारों लोगों का नेतृत्व कर रहे थे जो एक व्यंग्य पत्रिका के दफ्तर, कोशेर सुपरमार्केट और पुलिस पर बंदूकधारियों के हमले के बाद एकत्र हुए थे. रैली में नेताओं के शामिल होने की हर ओर प्रशंसा हुई. कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गयी इस रैली में विविधता में एकजुटता नजर आयी.
इस हाइप्रोफाइल मार्च के लिए पेरिस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये. मार्च में जॉर्डन की रानी रानिया अल अब्दुल्लाह और किंग अब्दुल्लाह द्वितीय, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, तुकी, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, जॉर्डन सहित कई देशों के नेता पहुंचे. दुनिया के कई अलग-अलग देशों में भी इस आतंकी कार्रवाई के विरोध में मार्च निकाला गया. पूरे फ्रांस में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है. रैली में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा और अलग-अलग क्षेत्रों के कई लोगों के आंखों में आंसू आ गए. ये सभी लोग ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’’ के बैनर तले एक साथ आए.

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