आतंकी हमले के बाद आज खुला पेशावर का आर्मी स्कूल
पेशावर: बीता साल पाकिस्तान के लिए बहुत बुरा रहा. कहा जाता है ‘अंत भला तो सब भला’ लेकिन पाकिस्तान के लोगों के लिए 2014 का अंत एक दर्दनाक सपने की तरह हमेशा याद आता रहेगा. 16 दिसंबर को पाकिस्तान के पेशावर प्रांत में कट्टर चरमपंतियों द्वारा खेली गयी खून की होली में 132 बच्चों समेत […]
पेशावर: बीता साल पाकिस्तान के लिए बहुत बुरा रहा. कहा जाता है ‘अंत भला तो सब भला’ लेकिन पाकिस्तान के लोगों के लिए 2014 का अंत एक दर्दनाक सपने की तरह हमेशा याद आता रहेगा. 16 दिसंबर को पाकिस्तान के पेशावर प्रांत में कट्टर चरमपंतियों द्वारा खेली गयी खून की होली में 132 बच्चों समेत शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के साथ 141 बेगुनाहों की हत्या कर दी गयी. इसमें मारे गये सभी लोगों को श्रद्धांजली देकर घटना के करीब-करीब एक महीने के बाद आज आतंकी हमले का साक्षी पेशवार का अर्मी पब्लिक स्कूल कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से खोला गया है.
मंगलवार,16 दिसंबर के दिन बच्चे आम दिन की ही तरह अपने स्कूल की ओर निकले थे. स्कूल में सीनियर सेक्शन के छात्रों की उस दिन परीक्षा होने वाली थी. दिन के करीब 11बजे कुछ आज्ञात हमलावर भेष बदलकर चुपके से स्कूल में घुस गये और अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इसखूनी मंजर में करीब 132 बच्चों करो अपनी जान देनी पड़ी. तहरीक-ए-तालिबान नामक आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली.
करीब सात घंटे तक चली लगातार फायरिंग और बमबारी के निशान आज भी आर्मी स्कूल के दीवारों पर देखे जा सकते हैं. घटना के बाद स्कूल का नजारा बेहद खौफनाक था. जिस जगह पर कॉपियों पर कलम के निशान मिलने चाहिये थे उस स्थान पर खून के धब्बे नजर आ रहे थे.
इस घटना में कई माताओं ने अपने बच्चे को खो दिया. कई बच्चों को बेहद करीब से गोलियों से भून डाला गया. आतंकियों के द्वारा किए गये इस नरसंहार में सकूल के प्रिंसपल की भी मौत हो गयी. नौवीं कक्षा के दाऊद इब्राहिम के माता-पिता अपने बच्चे के द्वारा उस दिन स्कूल ना जाने के कारण उस खूब डांट पिलाए हों लेकिन इस घटना में इब्राहिम की सलामती के पर खुदा को शुक्रिया जरूर कर रहे होंगे. इब्राहिम उस काले दिन देर तक सोए रहने के कारण स्कूल नहीं जा सका था. उसकी पूरी कक्षा में उसे छोड़कर कोई नहीं बचा पाया.
इस घटना की निंदा पूरी दुनिया में की गयी. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि आतंकियों ने इस तरह का कृत्य करके फिर से एक बार अपनी दुष्टता दिखायी है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन करके इस घटना पर शोक व्यक्त किया. घटना के दूसरे दिन भारत के सभी स्कूलों में घटना में मारे गए बच्चों के लिए प्रार्थना की गयी.