मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
प्रतिनिधि, जमुई मकर संक्रांति का त्योहार बुधवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लोगों ने सर्वप्रथम अहले सुबह उठ कर अपने-अपने घरों व आसपास के विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजा-अर्चना कर उन्हें तिल और गुड़ अर्पित किया. तत्पश्चात अपने परिजनों के कुशलता की कामना की. पूजा-अर्चना के पश्चात लोगों ने अपने […]
प्रतिनिधि, जमुई मकर संक्रांति का त्योहार बुधवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लोगों ने सर्वप्रथम अहले सुबह उठ कर अपने-अपने घरों व आसपास के विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजा-अर्चना कर उन्हें तिल और गुड़ अर्पित किया. तत्पश्चात अपने परिजनों के कुशलता की कामना की. पूजा-अर्चना के पश्चात लोगों ने अपने परिवार के साथ चूड़ा, दही, तिलकुट, तिलकतरी, तिलवा, मूढ़ी व चूड़ा से बना लाय एवं सब्जी का स्वाद जम कर चखा. कई लोगों ने तो मकर संक्रांति के अवसर पर अपने मित्रों व सगे-संबंधियों को निमंत्रण देकर भोजन भी करवाया. इस दौरान बच्चों ने पतंग उड़ा कर और कबड्डी खेल कर मकर संक्रांति का लुफ्त उठाया. इस दौरान कई जगहों पर पारंपरिक कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों द्वारा ब्राह्मणों को चूड़ा, तिलकुट आदि दान-स्वरुप दिया गया. मकर संक्रांति को लेकर सड़कों पर इक्के -दुक्के लोग ही नजर आये और विभिन्न बसों व ट्रेनों में अपने परिजनों के लिए संदेश लेकर जाने वालों की काफी भीड़ देखी गयी. झाझा प्रतिनिधि के अनुसार बुधवार को नगर एवं प्रखंड क्षेत्र में मकर संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया. मौके पर लोगों ने एक -दूसरे को बधाई दिया तथा दही-चूड़ा व तिलकुट का आनंद लिया. बच्चे एवं बुजुर्ग सुबह से ही झाझा शहर के दक्षिणी छोर पर अवस्थित उलाय नदी किनारे स्नान-ध्यान किया एवं भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना किया. नदी के दोनों किनारे पर लोगों की भारी भीड़ देखी गयी. मणिकुरा आश्रम के पंडित आचार्य फुलेश्वर झा ने बताया कि इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति के दिन अन्न-वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए. लोगों में पर्व को लेकर काफी उत्साह देखा गया.