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सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में बस फूंकी, चार लोगों की मौत

ढाका : विपक्षी बीएनपी की राष्ट्रव्यापी नाकेबंदी की अवज्ञा किए जाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने आज एक बस फूंक दी, जिसमें एक बच्चा सहित चार लोग मारे गए जबकि 15 अन्य घायल हो गए. इसके कुछ ही घंटे पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी :बीएनपी: प्रमुख खालिदा जिया के एक सहयोगी हत्या की एक कोशिश में […]

ढाका : विपक्षी बीएनपी की राष्ट्रव्यापी नाकेबंदी की अवज्ञा किए जाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने आज एक बस फूंक दी, जिसमें एक बच्चा सहित चार लोग मारे गए जबकि 15 अन्य घायल हो गए. इसके कुछ ही घंटे पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी :बीएनपी: प्रमुख खालिदा जिया के एक सहयोगी हत्या की एक कोशिश में बाल-बाल बच गए.

राजधानी जा रही अंतर जिला बस पर किया गया यह हमला बुधवार सुबह उत्तरी शहर मीतापुकुर में हुआ. दरअसल, सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बीएनपी के आह्वान वाली नाकाबंदी लागू करने की कोशिश की. पार्टी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है. विवादास्पद चुनाव के प्रथम वर्षगांठ पर पांच जनवरी से हुई हिंसा की घटनाओं में यह सबसे भीषण घटना है. इस चुनाव का विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया था.
पास के पुलिस थाना के प्रभारी ने मीडिया को बताया कि संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने मीतापुकुर इलाके में ढाका-रंगपुर राजमार्ग पर बस रोक दी और इसे आग के हवाले कर दिया, जिसमें एक बच्चा सहित चार यात्रियों की झुलस कर मौत हो गई. पुलिस को शक है कि बीएनपी की सहयोगी कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया क्योंकि यह उनका गढ है.
रंगपुर में हुए हालिया हमले के बाद पांच जनवरी से राष्ट्रव्यवापी प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या बढकर 19 हो गई है, जब जिया ने अपने समर्थकों से हसीना के विवादास्पद पुनर्निर्वाचन की प्रथम वर्षगांठ पर सडकों पर उतरने को कहा था. बस पर हुआ यह हमला विदेश मामलों के एक पूर्व कनिष्ठ मंत्री एवं जिया के सलाहकार पर हुए हमले के कुछ घंटों बाद हुआ. बीती रात अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोली चलाई थी.

उन्हें निजी यूनाइटेड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां के एक चिकित्सक ने बताया कि उन्हें चार गोलियां लगी थी. इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जिया ने अपने गुलशन कार्यालय से एक बयान में कहा, ‘‘मैं गुस्से में और चिंतित हूं। मेरे पास निंदा करने के लिए और इस हमले तथा हत्या की कोशिश के खिलाफ विरोध जताने के लिए शब्द नहीं है.’’

इस महीने की शुरुआत में आरंभ हुए राजनीतिक उथल पुथल के बाद से वह गुलशन कार्यालय में ही बंद हैं. जिया ने आरोप लगाया है कि सरकार के शीर्ष स्तर से कुछ भडकाउ टिप्पणी आने के ठीक बाद रहमान इस हमले के शिकार हुए.

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