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गण्‍ातंत्र दिवस पर ओबामा की भारत यात्रा से पहले पेंटागन के शीर्ष अधिकारी आएंगे भारत

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की गंणतंत्र दिवस के मौके के पर होने वाली भारत यात्रा के पहले पेंटागन के शीर्ष अधिकारी भारत क दौरा करेंगे. ये अधिकारी भारत और अमेरिका के साथ प्रमुख रक्षा मुदृदों और इससे संबंधित सहयोग पर चर्चा करेंगे जिनकी बराक ओबामा अपनी भारत यात्रा के दौरन गणतंत्र दिवस पर घोषणा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 11:08 AM

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की गंणतंत्र दिवस के मौके के पर होने वाली भारत यात्रा के पहले पेंटागन के शीर्ष अधिकारी भारत क दौरा करेंगे. ये अधिकारी भारत और अमेरिका के साथ प्रमुख रक्षा मुदृदों और इससे संबंधित सहयोग पर चर्चा करेंगे जिनकी बराक ओबामा अपनी भारत यात्रा के दौरन गणतंत्र दिवस पर घोषणा कर सकते हैं.

रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता मौरीन शुमैन ने बताया ‘रक्षा अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी और सैन्य तंत्र मामलों के उप मंत्री फ्रैंक केंडाल की योजना अगले सप्ताह भारत की यात्र करने की है.’ केंडाल भारत संबंधी रक्षा मुद्दों पर, खासतौर पर भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार और तकनीकी पहल (डीटीटीआइ) पर पेंटागन के एक प्रमुख अधिकारी हैं.मौरीन ने कहा ‘यह उनकी चौथी भारत यात्रा होगी और यह हमारे द्वारा इस रिश्ते को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है.

मौरीन ने कहा ‘केंडाल की यात्रा का प्राथमिक लक्ष्य रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी पहल (डीटीटीआइ) की गति को जारी रखना है, जो कि रक्षा तकनीक पर सहयोग को प्रोत्साहित करता है और महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों के सह-निर्माण एवं सह-विकास में सक्षम बनाता है.’
केंडाल की योजना भारत में रक्षा सचिव राधा कृष्ण माथुर और सचिव (रक्षा उत्पादन) जी. मोहन कुमार से मिलने की है. उनकी एक बैठक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहाकार अविनाश चंद्र के साथ भी तय है. अविनाश चंद्र को इस सप्ताह रक्षा मंत्रलय ने बर्खास्त कर दिया था लेकिन इस माह के अंत तक वह अपनी सेवाएं जारी रखेंगे.
केंडाल भारत में अमेरिका के नए राजदूत रिचर्ड वर्मा से भी मुलाकात करेंगे.बराक ओबामा ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे, जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. उनकी तीन दिवसीय भारत यात्र 25 जनवरी से शुरु होगी और उनका कार्यक्रम बेहद व्यस्त होगा. वह रक्षा एवं असैन्य परमाणु समझौता समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर नई दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे.

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