बर्लिन : दुनिया के सभी देशों के पास उनके अपने जासूस होते हैं जो अपनी जान पर खेल कर विरोधी देशों से अपने मुल्क की रक्षा करते हैं लेकिन यदि किसी देश के 3500 जासूसों की जान खतरे में हो तो यह सचमुच चिंता की बात है. यह जासूस जर्मनी से संबंध रखते हैं. जर्मनी के अखबार बिल्ड की रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि डबल एजेंट मार्कस आर ने जासूसों की वास्तविक पहचान से जुड़ी जानकारी जर्मनी की शत्रु विदेशी एजेंसी को उपल्बध करा दी है जिसके एवज में उसे मोटी रकम मिली है.
मार्कस को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. अखबार की माने तो उसकी तलाशी के दौरान कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई थी जिसमें एक हार्ड डिस्क भी था. इस डिस्क का पूरी तरह से मूल्यांकन हाल ही में पूरा हुआ है. इसमें जासूसों से संबंधित कुछ गोपनीय जानकारी थी जो उनकी पहचान को उजागर करती हैं. इसमें खुफिया अधिकारियों के नाम, उपनाम और स्थान से संबंधित जानकारी है.
जर्मनी की खुफिया एजेंसी बीएनडी में कार्यरत मार्कस ने विदेशी संचालन विभाग के रजिस्ट्री अनुभाग में काम करते हुए यह सूची हासिल की थी. 2011 की इस सूची में विभिन्न दूतावासों में राजनयिक के तौर पर तैनात बीएनडी अधिकारी कई देशों में गुप्त रूप से तैनात अधिकारियों की जानकारी है.
इस जानकारी के बाद जर्मनी की चिंता बढ़ गई है. अब वह अपने जासूसों की सुरक्षा को लेकर उपाय निकालने में लगा हुआ है.