वाशिंगटन : अमेरिकी ने अपनी एक संघीय अदालत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध 2002 के गुजरात दंगों के बारे में एक मानवाधिकार समूह के एक वाद को खारिज किये जाने का आज स्वागत किया. अदालत ने यह वाद इस आधार पर खारिज किया था कि एक विदेशी सरकार के वर्तमान प्रमुख होने के कारण मोदी को छूट प्राप्त है.
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें पता चला कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ संघीय जिला अदालत में की गयी शिकायत को कार्यपालिका शाखा की इस जानकारी के आधार पर खारिज कर दिया गया कि प्रधानमंत्री छूट पाने के पात्र हैं क्योंकि वह एक विदेशी सरकार के वर्तमान प्रमुख हैं.’’
प्रवक्ता ने कहा कि हम इस बात से प्रसन्न हैं कि अदालत ने अमेरिकी सरकार की प्रतिबद्धता के आधार पर सहमति जतायी. अधिकारी ने कहा कि अदालतों ने वर्तमान राष्ट्र प्रमुखों और सरकार के प्रमुखों को मिली छूट के आधार पर उनके खिलाफ मामलों को लगातार खारिज किया है.
भारतीय अमेरिकी वकील प्रीत भराड ने अमेरिकी सरकार की ओर से अदालत में दी गयी दलील में कहा गया कि कार्यपालिका शाखा द्वारा स्वीकार किये जाने वाले पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय कानून सिद्धांतों के अनुसार किसी देश के वर्तमान प्रमुख को प्राप्त छूट उसके दर्जे अर्थात उसके पद पर आधारित होती है न कि उसके आचरण पर। इसके तहत राष्ट्र के प्रमुख को अदालत के न्याय क्षेत्र से उसके पद पर बने रहने तक छूट प्राप्त होती है और उसमें यह मायने नहीं रखता कि शिकायत की विषयवस्तु क्या है. अदालत ने मामले को खारिज करते हुए भराड की दलील पर भरोसा किया.