गुजरात के शहरी क्षेत्रों में नवजात लड़कियों की मौतें अधिक
गांधीनगर:गुजरात में 0-12 माह के नवजातों में लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियां अपना पहला जन्मदिन नहीं देख पातीं. गुजरात के जन्म और मृत्यु पंजीकरण कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़े के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पिछले तीन सालों में 12,325 नवजात लड़कियों और 8,076 नवजात लड़कों की मौत हुई थी. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके […]
गांधीनगर:गुजरात में 0-12 माह के नवजातों में लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियां अपना पहला जन्मदिन नहीं देख पातीं. गुजरात के जन्म और मृत्यु पंजीकरण कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़े के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पिछले तीन सालों में 12,325 नवजात लड़कियों और 8,076 नवजात लड़कों की मौत हुई थी.
जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके उलट 2,739 नवजात लड़कों और 2,246 लड़कियों की मौत हुई थी. विशेषज्ञों के अनुसार, गांवों में शहरों के मुकाबले सुविधाएं कम हैं. पर शहरों में बेहतर चिकित्सा सुविधा के बावजूद नवजात बच्चियों की मौतें हो रही हैं. इसका मुख्य कारण लड़का–लड़की में भेदभाव बरता जाना है. वीए हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष मेहता के अनुसार, ये आंकड़े चौंकाने वाले नहीं हैं. निम्न मध्यवर्ग और शहरी गरीबों में जब इलाज की बात आती है, तो वे लड़कियों के मुकाबले लड़कों के इलाज को प्राथमिकता देते हैं.