‘खरीदार’ से ‘निर्माता’ बन रही नौसेना
कोलकाता : लंबे समय तक युद्धपोत का आयात करनेवाली भारतीय नौसेना अब निर्माता बनने की ओर अग्रसर है. शुक्रवार (16 जनवरी, 2015) को कोलकाता स्थित गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) द्वारा प्रोजेक्ट यार्ड 2094 के तहत निर्मित लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) मार्क-4 श्रृंखला के तीसरे पोत ‘एलसीयू एल53’ का जलावतरण हुआ. पोत का नामकरण […]
कोलकाता : लंबे समय तक युद्धपोत का आयात करनेवाली भारतीय नौसेना अब निर्माता बनने की ओर अग्रसर है. शुक्रवार (16 जनवरी, 2015) को कोलकाता स्थित गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) द्वारा प्रोजेक्ट यार्ड 2094 के तहत निर्मित लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) मार्क-4 श्रृंखला के तीसरे पोत ‘एलसीयू एल53’ का जलावतरण हुआ.
पोत का नामकरण और जलावतरण वाइस एडमिरल सुनील लांबा की पत्नी रीना लांबा ने किया. उन्होंने एलसीयू इस मौके पर संस्कृत और अंगरेजी में अथर्व वेद के श्लोक पढ़े गये. वाइस एडमिरल लांबा ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि भारतीय नौसेना ‘आयातक’ से ‘निर्माता’ बनने की ओर अग्रसर है.
आठ एलसीयू की श्रृंखला में तीसरा पोत है एलसीयू मार्क 4
विशेषताएं
– एडवांस्ड इंटीग्रेटिड प्लैटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा
– ऑपरेशन के दौरान फायरिंग के लिए दो सीआरएन-91 स्वदेशी 30 एमएम की बंदूक पोत पर लगे होंगे
यहां इस्तेमाल
– समुद्री सीमा की सुरक्षा, मानवीय राहत कार्यो और सुदूर द्वीपों से लोगों को निकालने एवं शांति मिशन के दौरान खोज और राहत अभियान में होगा इस्तेमाल
– मुख्य युद्धक टैंक, बख्तरबंद वाहनों और नौसेना के जवानों को युद्धस्थल तक पहुंचाने में होगा इस्तेमाल