टाटा स्टील के पूर्व चेयर मैन सह एमडी का जन्म दिन आज

रूसी मोदी : जन्म 17 जनवरी 1918. निधन 16 मई 2014 जमशेदपुर : टाटा स्टील (पहले टिस्को) के पूर्व चेयरमैन सह एमडी रूसी मोदी की पहचान कॉरपोरेट जगत में ‘मैन मैनेजमेंट के विशेषज्ञ’ के रूप में थी. 16 मई 2014 को उनका निधन हो गया. शनिवार को उनका जन्मदिन है. यह पहला अवसर होगा जब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2015 10:36 AM
रूसी मोदी : जन्म 17 जनवरी 1918. निधन 16 मई 2014
जमशेदपुर : टाटा स्टील (पहले टिस्को) के पूर्व चेयरमैन सह एमडी रूसी मोदी की पहचान कॉरपोरेट जगत में ‘मैन मैनेजमेंट के विशेषज्ञ’ के रूप में थी. 16 मई 2014 को उनका निधन हो गया.
शनिवार को उनका जन्मदिन है. यह पहला अवसर होगा जब मोदी इस दुनिया में नहीं हैं और उनका जन्म दिन मनाया जायेगा. रूसी मोदी जब भी शहर में रहे उनका जन्मदिन काफी धूमधाम के साथ मना. शुभकामना देने उनके आवास पर हर वर्ग के लोगों का तांता लगा रहता था.
रूसी मोदी गर्वनर रह चुके सर होमी मोदी और लेडी जेरभाई के पुत्र थे. रूसी मोदी की शिक्षा हैरो स्कूल और क्राइस्ट चर्च कॉलेज ऑक्सफोर्ड में हुई. इसके बाद वे वर्ष 1939 में टाटा स्टील से एक आम मजदूर की तरह जुड़े, लेकिन बाद में कंपनी के चेयरमैन बने. वर्ष 1953 में वे टाटा स्टील में डायरेक्टर पर्सनल बने जबकि 1965 में डायरेक्टर रॉ मैटेरयिल के तौर पर काम करना शुरू किया. वर्ष 1970 में वे डायरेक्टर ऑपरेशन और 1972 में ज्वाइंट एमडी बने. वर्ष 1974 में उनको टाटा स्टील का एमडी बना दिया गया.
23 अक्तूबर 1984 को एमडी के साथ ही उन्हें चेयरमैन का भी पद दे दिया गया. उन्होंने ‘बेस्ट मैन मैनेजमेंट’ का उदाहरण पेश किया. रूसी मोदी का कहना था कि किसी भी मानव से सामान्य व्यवहार बनाये रखें, यही मानव प्रबंधन है. आज एक्सएलआरआइ समेत विश्व के कई संस्थानों में उनके मानव प्रबंधन पर ही पढ़ाई होती रही. टाटा स्टील के वे सामाजिक चेहरा भी बनकर उभरे. सामाजिक सेवा के स्तर पर उनके ही कार्यकाल में टाटा स्टील ने काफी काम किया और कंपनी सीधे तौर पर जनता से जुड़ी.
जन्मदिन पर रूसी मोदी को कंधा पर उठा लेते थे नारायण
टाटा स्टील में जब केदार दास का आंदोलन चल रहा था, तब टिनप्लेट निवासी नारायण झा सिक्यूरिटी में थे. रूसी मोदी जब जमशेदपुर में थे, तब उनका जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया जाता था. नारायण झा अक्सर उनको अपने कंधे पर उठा लेते थे. जन्मदिन की बधाई देने के लिए वहां लोगों का तांता लग जाता था.
‘स्पोर्ट्स- ए वे ऑफ लाइफ’ का नारा दिया
रूसी मोदी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में खिलाड़ी टाटा स्टील से जुड़े. मिस्टर यूनिवर्स प्रेमचंद्र डोगरा, क्रिकेटर रवि शास्त्री, पहली माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पॉल समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों को उन्होंने कंपनी से जोड़ा. इसके अलावा उनके कार्यकाल में शहर में खेल को बढ़ावा मिला. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना के साथ ही जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को भी उन्होंने समर्पित किया, जो आज खेल की दुनिया में टाटा स्टील का नाम रोशन कर रहा है. उन्होंने ही ‘स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ़ (खेल जीने की राह)’ का नारा दिया था. जिसके बाद स्पोर्ट्स के क्षेत्र में काफी काम हुए. टाटा फुटबॉल एकेडमी की स्थापना कर देश का पहला फुटबॉल एकेडमी निजी स्तर पर बनाया जबकि पहला निजी कंपनी का चिड़ियाघर की स्थापना भी की.
मजदूरों के साथ सीधे जुड़े हुए थे
रूसी मोदी मजदूरों से सीधे जुड़े रहते थे. कर्मचारियों की पहुंच सीधे सीएमडी ऑफिस तक होती थी और सामान्य कर्मचारी भी उनसे मिलने जा सकता था. उनके भारतीय उद्योग में योगदान के लिए 1989 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.

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