वायरल हेपेटाइटिस से भारत में हर साल ढाई लाख लोग गंवा देते हैं जान

कोलकाता : विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर विशेषज्ञों ने आज कहा कि भारत में हर साल करीब 2.5 लाख लोग वायरल हेपेटाइटिस के कारण मर जाते हैं और यह संक्रमण दुनियाभर में हर 12 में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है.उन्होंने कहा कि भारत में तकरीबन 50 करोड़ लोग गंभीर वायरल हेपेटाइटिस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2013 6:37 PM

कोलकाता : विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर विशेषज्ञों ने आज कहा कि भारत में हर साल करीब 2.5 लाख लोग वायरल हेपेटाइटिस के कारण मर जाते हैं और यह संक्रमण दुनियाभर में हर 12 में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है.

उन्होंने कहा कि भारत में तकरीबन 50 करोड़ लोग गंभीर वायरल हेपेटाइटिस के साथ जी रहे है. इस घातक बीमारी से लड़ने की प्रतिबद्धता की भावना के साथ देश के हर कोने में गहन जागरकता कार्यक्रम तत्काल शुरु करने की जरुरत है.

जानकारों के अनुसार हेपेटाइटिस पांच मुख्य प्रकार का होता है जिनमें ए, बी, सी, डी और ई हैं. यह मुख्य रुप से यकृत को प्रभावित करता है.

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में करीब 13 से 17 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित होते हैं और हर साल 3.5 लाख से ज्यादा लोग हेपेटाइटिस सी से संबंधित यकृत की बीमारियों से मर जाते हैं.

विशेषज्ञों ने कहा कि तीक्ष्ण हेपेटाइटिस सी से ग्रसित करीब 70-80 प्रतिशत लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देता जो चिंता का बड़ा कारण है.

वर्ल्ड हेपेटाइटिस अलायंस ने 2008 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस की शुरुआत की थी.

इस मौके पर अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोसाइंसेस के निदेशक महेश गोयनका ने कहा, हेपेटाइटिस एक साइलेंट किलर है और इसमें विरले ही लक्षण दिखाई देते हैं या बहुत देरी से पता चलते हैं. भारत के अनेक हिस्सों में किये गये अध्ययनों का आकलन कहता है कि करीब 2 करोड़ भारतीय हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और करीब 80 लाख से एक करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी वायरस के मूक संक्रमण से ग्रसित हो सकते हैं.

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