आजाद हिंद फौज के सिपाहियों के परिजन जी रहे फटेहाल जिंदगी
फारबिसगंज : जहां एक ओर तुम मुङो खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 118 वीं जयंती मनायी जा रही है. वहीं नेता जी के साथ आजादी की लड़ाई में वर्मा में रह कर लड़ने वाले और इंदिरा गांधी की […]
फारबिसगंज : जहां एक ओर तुम मुङो खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 118 वीं जयंती मनायी जा रही है.
वहीं नेता जी के साथ आजादी की लड़ाई में वर्मा में रह कर लड़ने वाले और इंदिरा गांधी की पहल पर वर्मा से पानी जहाज के माध्यम से भारत लाये गये सिपाही स्व रामजसन सिंह एवं उनके साथ रहे स्व जीवुत लाल मेहता के परिजन फटेहाली की जिंदगी जी रहे हैं.
प्रखंड के पछियारी झिरुआ पंचायत के वार्ड संख्या नौ के वर्मा कॉलोनी में बसने वाले लगभग 80 परिवारों का सुधि लेने वाला कोई नहीं है़ न तो यहां सरकारी योजना ही पहुंच पायी है और न सरकार के नुमाइंद़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना में रहे स्वतंत्रता सेनानी स्व रामजसन सिंह व स्व जीवुत लाल मेहता के पुत्र संपतलाल मेहता, शिवबालक मेहता, रामबालक मेहता, रामचंद्र मेहता, रामनजर मेहता, अशोक कुमार मेहता, कामता प्रसाद मेहता व उसके सहयोगी भाई सदानंद मेहता ने कागजात दिखाते हुए बताया कि 1974 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके परिवारों को भारत लाया और यहां पांच वर्ष तक चंपारण शिविर में रखा.
इसके बाद दो वर्ष तक वे पूर्णिया मरंगा शिविर में रह़े 1981 में फारबिसगंज प्रखंड के पछियारी झिरूवा गांव में एक परिवार को सरकार ने स्वत: योजना के तहत एक एकड़ 45 डिसमिल जमीन दी़ आज उनका 23 सदस्यों का परिवार बढ़ कर लगभग 84 सदस्यों का हो गया है़ मेहनत मजदूरी के अलावा उनके पास अब कुछ भी नहीं है़ स्वतंत्रता सेनानी रामजसन सिंह के पुत्र शिवबालक मेहता ने बताया कि उन्होंने वर्मा में ही पैंगु जिला के चौतगाह के खिंजी हाई स्कूल से 1973 में मैट्रिक पास की थी.
नेता जी के साथ पिता वर्मा में लड़ाई लड़ते रहे और इंफाल के बारूदी सुरंग में दायां पांव गंवा दिया़ 2009 में 105 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गयी, लेकिन आज भी पिता की धरोहर के रूप में वह सितार और शंख उनके पास है, जिसे बजा कर रामजसन सिंह युद्ध में नेता जी सहित सैनिकों को उत्साहित करते थ़े उन्होंने बताया कि आज उनके वर्मन परिवार लेमन ग्रास, चायनीज धनिया एवं मसरूम की खेती व मजदूरी करते है़ं उनके कॉलोनी का सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
गांव में विद्यालय एवं आंगनबाड़ी कें द्र नहीं है़ उन्होंने मांग की है कि हम लोगों को सरकार देश कि सेवा में सेना में बहाल करे तथा सेवा का मौका दे. गांव में सरकारी योजना का लाभ पहुंचाये. स्वतंत्रता सेनानी के इन परिवारों को इस बात का गर्व है कि सुभाष चंद्र बोस फैन क्लब इंडो नेपाल के द्वारा विराटनगर में नेताजी के जयंती पर आयोजित समारोह में उनके परिवारों को सम्मानित करने का आमंत्रण दिया गया है़ मौके पर हरिपुर के मुखिया प्रवीण कुमार दास, समाजसेवी सदानंद मेहता, जिला परिषद प्रतिनिधि देवनाथ मंडल सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थ़े